यहां प्रमोशन से पहले 602 दारोगाओं की वरिष्ठता सूची जारी, जानिए
पुलिस विभाग में पहली बार पदोन्नति नियमावली बनने से प्रमोशन की राह खुली है। इसके लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
देहरादून, जेएनएन। पुलिस मुख्यालय ने उत्तराखंड के 602 दारोगाओं की वरिष्ठता सूची जारी कर दी है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पदोन्नति नियमावली बनने से पहले प्रमोशन की राह खुली है।
पुलिस विभाग में पहली बार पदोन्नति नियमावली बनने से प्रमोशन की राह खुली है। इसके लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। महकमे ने प्रमोशन से पहले वरिष्ठता सूची का निर्धारण कर लिया है। इसमें 2002 से 2011 के बीच सीधी भर्ती और रैंकर परीक्षा पास कर भर्ती हुए दारोगाओं को शामिल किया गया है। साथ ही 15 से 20 दारोगा ऐसे हैं, जो उत्तरप्रदेश के जमाने से प्रमोशन की राह देख रहे हैं। इनको भी इस सूची में शामिल किया गया है।
वरिष्ठता सूची पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट पर जारी हो गई है। आइजी कार्मिक जीएस मार्तोलिया ने बताया कि विभाग द्वारा नियुक्ति, पीटीसी का सत्र, पीटीसी में प्राप्त अंक, संवर्ग के आधार पर सूची जारी की है। यदि वरिष्ठता को लेकर किसी को कोई आपत्ति है तो वह दस दिन के भीतर यानि 28 फरवरी तक नियुक्ति वाले जनपद, इकाई के प्रभारी अधिकारी कार्यालय में दे सकते हैं।
इसके बाद प्राप्त आपत्तियां तीन मार्च तक पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान चयन वर्ष 2010-11 तक के किसी दारोगा का नाम सूची में शामिल होने से छूट गया तो वह भी पूर्ण विवरण मुख्यालय को उपलब्ध कराएं। आइजी ने कहा कि क्रमांक एक से 164 तक अंकित दारोगाओं की अंतिम वरिष्ठता सूची वर्ष 2014 एवं 2018 को निर्गत की जा चुकी है। यदि इसमें कोई आपत्ति है तो वह भी दे सकते हैं।
प्रमोशन में पेच से लटकी दारोगा-सिपाही भर्ती
प्रदेश में पुलिस सिपाही और दारोगा बनने का ख्वाब संजोए युवाओं के लिए बड़ी खबर है। प्रमोशन में पेच से भर्ती प्रक्रिया छह माह के लिए लटक गई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी भर्ती में बाधा बनेगी। ऐसे में इस साल अंत तक ही इसके शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है। राज्य गठन के 18 साल बाद प्रदेश में पुलिस की अपनी नियमावली बनी। इसे बनाने में भी छह माह से अधिक का समय कैबिनेट स्तर पर लगा। बामुश्किल कैबिनेट से नियमावली पारित हुई तो कॉन्स्टेबल के हेड कॉन्स्टेबल पदों पर, दारोगा के इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन होना था। इसके लिए नियमावली के तहत प्रमोशन किए जाने हैं।
पुलिस मुख्यालय ने वरिष्ठता सूची का निर्धारण कर लिया है। यह सूची वेबसाइट पर डाल दी है। 10 मार्च तक इसपर आपत्तियां मांगी गई हैं। आपत्तियां आने के बाद मार्च अंत तक सुनवाई होगी। इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगने की प्रबल संभावना है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञप्ति जारी करने से लेकर दूसरी औपचारिकताएं और तैयारी में भी दो से तीन माह का समय लगेगा। लोकसभा चुनाव के बीच पुलिस के लिए यह काम करना बेहद कठिन है। इससे साफ है कि अगले छह माह तक नई भर्ती पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।
भर्ती प्रक्रिया लटकने से पुलिस सिपाही और दारोगा बनने का सपना संजोए युवाओं को झटका लगा है। खासकर इस बीच भर्ती के लिए तय उम्र पार करने वाले युवाओं को बड़ा नुकसान होगा। यह बात पुलिस के आला-अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं। प्रक्रिया का हवाला देते हुए फिलहाल भर्ती कराने से भी विभाग पीछे हटता दिख रहा है। करीब 750 सिपाही और 80 दारोगा के पदों पर होने वाली इस भर्ती के लिए हजारों युवा तैयारी कर रहे हैं।
इधर, पुलिस में भर्ती प्रक्रिया लटकने का अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान सरकार को भी होगा। आइजी कार्मिक जीएस मर्तोलिया ने बताया कि पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने में समय लगेगा। वरिष्ठता सूची के निर्धारण को आपत्तियां मांगी गई हैं। मार्च अंत तक आपत्तियों का निस्तारण होगा। इसके बाद रिक्त पदों पर नई भर्ती की जानी है। इस बीच यदि आचार संहिता लगी तो भर्ती कराने में देरी हो सकती है।
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