कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवप्रभात बोले, उत्तराखंड में खड़ा हुआ संवैधानिक संकट
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नवप्रभात ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में राज्य सरकार में तुरंत नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए। रविवार को एक बयान में पूर्व मंत्री नवप्रभात ने कहा कि अभी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नवप्रभात ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में राज्य सरकार में तुरंत नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए। रविवार को एक बयान में पूर्व मंत्री नवप्रभात ने कहा कि अभी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं। मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें छह माह के भीतर चुनाव जीतकर विधानसभा सदस्य बनना होगा। यह समय सीमा नौ सितंबर को समाप्त हो रही है।
रिप्रजेंटेशन आफ पीपुल एक्ट की धारा 151 ए के अनुसार जब किसी राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए एक वर्ष का समय शेष रह जाता है तो वहां उप चुनाव नहीं हो सकता। प्रदेश में अभी दो विधानसभा सीटें रिक्त हैं। विधानसभा चुनाव मार्च 2022 में प्रस्तावित हैं। ऐसे में तीरथ सिंह रावत सितंबर के बाद मुख्यमंत्री पद पर बने नहीं रह सकते। इन परिस्थितियों में प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है और सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने डिजिटल अभियान को दिया समर्थन
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा कोरोना की वैक्सीन को पेटेंट मुक्त कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान को डिजिटल हस्ताक्षर कर अपना समर्थन दिया। रविवार को स्वदेशी जागरण मंच के प्रतिनिधिमंडल ने प्रांत के संयोजक सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि मंच द्वारा टीकाकरण के लिए वैश्विक सर्व सुलभ टीकाकरण एवं चिकित्सा अभियान शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश वसुदेव कुटुंबकम की बात को लेकर चलने वाला देश है। मंच द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान से कोरोना वैक्सीन पेटेंट मुक्त होती है तो वैक्सीन के उत्पादन में कोई कमी नहीं आएगी और जल्द से जल्द यह जनसामान्य तक पहुंच सकेगी। प्रतिनिधिमंडल में मंच के आधार वर्मा, प्रिंस भट्ट व दीपक गैरोला आदि शामिल थे।
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