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पूर्व मंत्री सजवाण बोले, बलिदानियों के सपनों का राज्य नहीं बन पाया उत्तराखंड

राज्य स्थापना की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पर्वतीय लोक कल्याण समिति की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने उत्तराखंड दिशा और दशा पर विचार व्यक्ति किए। वक्ताओं ने कहा कि इन बीस सलों में अभी तक बलिदानियों के सपने का उत्तराखंड नहीं बन पाया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 09:33 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 09:33 PM (IST)
पूर्व मंत्री सजवाण बोले, बलिदानियों के सपनों का राज्य नहीं बन पाया उत्तराखंड
बलिदानियों के सपनों का राज्य नहीं बन पाया उत्तराखंड।

ऋषिकेश, जेएनएन। उत्तराखंड राज्य स्थापना की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पर्वतीय लोक कल्याण समिति की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने उत्तराखंड दिशा और दशा पर विचार व्यक्ति किए। वक्ताओं ने कहा कि इन बीस सलों में अभी तक बलिदानियों के सपने का उत्तराखंड नहीं बन पाया है। 

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नगर निगम स्थित सभागार में रविवार को पर्वतीय लोक कल्याण समिति की ओर से 'विकास के लिए शहीदों का सपना साकार होना कितना जरूरी विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। पूर्व कबीना मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण के दो दशक बाद भी सरकारें आज तक कोई ठोस नीति नहीं बना पाई है। उत्तराखंड के शहीद राज्य आंदोलनकारियों ने जिस सपने के लिए अपनी शहादत दी थी, वह सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।

शिक्षाविद बंशीधर पोखरियाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए ठोस विकास नीति बनाने की जरूरत है। पलायन पर रोक के लिए राज्य में शिक्षा व्यवस्था, चिकित्सा और रोजगार पर सुदृढ़ नीति बनाने की जरूरत है। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव जयपाल जाटव, समाजसेवी सत्यप्रकाश ममगाईं, समिति अध्यक्ष मदन शर्मा, प्यारेलाल जुगलान, बृजपाल राणा, राम प्रसाद डंगवाल आदि ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में आसाराम व्यास, विशालमणि पैन्यूली, संदीप शास्त्री, वेदप्रकाश धींगड़ा, गौतम नौटियाल, संदीप भंडारी, अशोक रस्तोगी, श्यामलाल, मधु जोशी, अभिषेक शर्मा आदि उपस्थित रहे।

राज्य स्थापना दिवस पर हो राजकीय अवकाश

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों के पूजन के साथ स्थापना दिवस मनाएंगे। आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर राजकीय अवकाश घोषित करने की भी मांग की। रविवार को गोपाल कुटी में आयोजित बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य स्थापना पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा की।उत्तराखंड शहीद स्मारक समिति के प्रदेश अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा ने कहा कि नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस हमेशा ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष राज्य आंदोलनकारी गोपाल कुटी में ही राज्य स्थापना दिवस मनाएंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार से ध्वस्त किए गए शहीद स्मारक के लिए भूमि उपलब्ध कराने और स्मारक का निर्माण कराने की मांग की। 

इस मौके पर विक्रम भंडारी, डीएस गुसाईं, गंभीर मेवाड़ आदि ने कहा कि राज्य स्थापना के बीस वर्ष बाद भी अभी तक शहीदों के सपने अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस पर आंदोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ स्थापना दिवस मानाएंगे। उन्होंने सरकार से राज्य स्थापना दिवस पर राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग की। इस अवसर पर युद्धवीर चौहान, रुकम पोखरियाल, प्रेम नेगी, सुशीला पोखरियाल, मुन्नी ध्यानी, राजेश शर्मा, वीरेंद्र सिंह, सरोजनी थपलियाल, उर्मिला डबराल, जया डोभाल, विश्वेश्वरी बिष्ट, पुष्पा पंत आदि उपस्थित रहे।

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