कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल प्रोजेक्ट की टनल की सुरक्षा दीवार धंसी, भूगर्भ विज्ञानियों की रिपोर्ट आने तक रोका निर्माण कार्य
कर्णप्रयाग से सात किलोमीटर दूर निर्माणाधीन गौचर (रानो) रेल टनल का निर्माण किया जा रहा है। मंगलवार सुबह लगभग छह बजे निर्माणाधीन टनल के बायीं तरफ सुरक्षा दीवार धंस गई। इसके कारण टनल के ऊपरी हिस्से से गुजर रहे मोटर मार्ग का 25 मीटर बड़ा हिस्सा भी धंस गया।
जागरण टीम कर्णप्रयाग(चमोली)/ ऋषिकेश : पहाड़ी से हुए भूस्खलन और वर्षा के पानी से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट की सिवई में निर्माणाधीन टनल के मुहाने पर बनीं सुरक्षा दीवार धंस गई। टनल को नुकसान नहीं हुआ लेकिन सुरक्षा दीवार का लगभग 15 मीटर हिस्सा दरक गया। टनल पर दो दिन से काम बंद था।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट का अंतिम स्टेशन है सेवई
भू-विज्ञानी और रेलवे के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद फिलहाल निर्माण कार्य रोक दिए हैं। धंसाव वाले स्थान का ट्रीटमेंट करने के बाद ही यहां काम शुरू किया जाएगा। सेवई ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट का अंतिम स्टेशन है। इससे पहले लगभग सवा छह किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है।
मोटर मार्ग का 25 मीटर बड़ा हिस्सा भी धंस गया
कर्णप्रयाग से सात किलोमीटर दूर निर्माणाधीन गौचर (रानो) रेल टनल का निर्माण किया जा रहा है। मंगलवार सुबह लगभग छह बजे निर्माणाधीन टनल के बायीं तरफ सुरक्षा दीवार धंस गई। इसके कारण टनल के ऊपरी हिस्से से गुजर रहे मोटर मार्ग का 25 मीटर बड़ा हिस्सा भी धंस गया। रेल विकास निगम के साइट इंजीनियर लोकेश ने बताया कि भूस्खलन के कारण टनल के साइड स्लोप (सुरक्षा दीवार) धंस गए। टनल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।
इसलिए टनल के मुहाने वाले हिस्से से पैदा हुई भू-धंसाव की स्थिति
इसका ऊपरी तथा निचला हिस्सा पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक तौर पर सामने आ रहा है कि टनल के ऊपरी क्षेत्र में मोटर मार्ग और पहाड़ी से वर्षा के पानी के साथ काफी मलबा टनल के मुहाने पर आया। इसकी वजह से टनल के मुहाने वाले हिस्से से भू-धंसाव की स्थिति पैदा हुई है।
अधिकारियों और भूगर्भ विज्ञानियों ने किया मुआयना
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि घटना के बाद रेल विकास निगम के अधिकारियों और भूगर्भ विज्ञानियों ने सिवई पहुंचकर मौका मुआयना किया। भूस्खलन के कारणों और वहां की स्थिति का आकलन किया जा रहा है। बताया कि वर्तमान परिस्थितयों में निर्माण कार्य तत्काल शुरू नहीं किया जा सकता है। चूंकि टनल के अंदर काम करने में सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भूगर्भीय सर्वे रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
निर्माण कार्य शुरू करने से पहले प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट
इसमें कुछ दिन लग सकते हैं। भूस्खलन किस कारण हुआ इसकी गहराई से जांच कराई जा रही है। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट किया जाएगा। निर्माण करा रही डीबीएल कंपनी के सुरक्षा अधिकारी आशुतोष उनियाल ने बताया कि दो दिन पहले टनल के मुहाने पर ऊपरी तरफ से पानी आने के बाद सुरक्षा दीवार में दरारें देखी गई। इसके मद्देनजर रविवार से निर्माण कार्य रोक दिया था।
कार्य शुरू करने से सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश
कर्णप्रयाग के उपजिलाधिकारी और रेलवे विकास निगम के नोडल अधिकारी संतोष कुमार पांडे ने बताया कि संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की गई। टनल निर्माण का कार्य शुरू करने से पहले सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि टनल के ऊपरी क्षेत्र से गुजर रहे मोटर मार्ग को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह मार्ग अवरुद्ध होने से लगभग एक दर्जन गावों में आवाजाही की दिक्कतें खड़ी हो गई हैं।
22 मीटर गोलाई की है निर्माणाधीन टनल
रेल परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि यह टनल प्रोजेक्ट की अन्य टनल की तुलना में बड़ी है। इसकी गोलाई 22 मीटर है। इस टनल के बाद सेवई में रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है। इसीलिए इस टनल में तीन रेल ट्रैक बिछाए जाने हैं। इसको देखते हुए टनल की ऊंचाई और चौड़ाई अन्य के मुकाबले 10 मीटर अधिक है। उन्होंने बताया कि सेवई की ओर से 223 मीटर टनलिंग का काम पूरा हो चुका है।
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