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आपदा के आठ वर्ष बाद भी नहीं बनी सुरक्षा दीवार, केदारनाथ के अंतिम पड़ाव गौरीकुंड में समस्याएं जस की तस

आपदा के आठ वर्ष बीतने के बाद भी केदारनाथ यात्रा के अंतिम पड़ाव गौरीकुंड में समस्याएं जस की तस होने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश है। इससे यात्रा सीजन में यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 05:18 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 05:18 PM (IST)
आपदा के आठ वर्ष बाद भी नहीं बनी सुरक्षा दीवार, केदारनाथ के अंतिम पड़ाव गौरीकुंड में समस्याएं जस की तस
गौरीकुंड में समस्याएं जस की तस होने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश है।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आपदा के आठ वर्ष बीतने के बाद भी केदारनाथ यात्रा के अंतिम पड़ाव गौरीकुंड में समस्याएं जस की तस होने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश है। इससे यात्रा सीजन में यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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जून 2013 की केदारनाथ आपदा में यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा था। गौरीकुंड में कई ढाबे, होटल, लाज बह गए थे, जिससे कई लोग बेरोजगार हो गए थे। केंद्र व राज्य सरकार ने केदारनाथ को संवारने का कार्य किया, लेकिन यात्रा के पड़ाव गौरीकुंड की ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। स्थानीय निवासियों ने सरकार से केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव में सुरक्षा दीवार, शौचालय, पार्किंग सहित सड़क चौड़ीकरण का कार्य करवाना चाहिए, जिससे यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

व्यापार संघ अध्यक्ष अरङ्क्षवद गोस्वामी, दीर्घायु गोस्वामी, सुशील गोस्वामी और गौरीशंकर गोस्वामी का कहना है कि आपदा से पहले तीर्थयात्री गौरीकुंड स्थित गर्म कुंड में स्नान के बाद ही केदारनाथ की यात्रा करते थे, लेकिन गर्मकुंड के आपदा में तबाह हो जाने के बाद तीर्थयात्रियों को स्नान करने में कई दिक्कत उठानी पड़ी है। ग्रामीणों ने श्रमदान से गर्म कुंड का निर्माण कराया।

अरविंद गोस्वामी ने कहा कि गर्म कुंड निर्माण के अलावा भी यहां पर अन्य कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान आज तक नहीं हो पाया है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य नहीं हो पाया है, जिससे यात्रा के दौरान जाम की समस्या बनी रहती है। इसके अलावा बस पार्किंग, घोड़ा पड़ाव के निर्माण के साथ ही सुरक्षा दीवारों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने प्रशासन से गौरीकुंड में व्याप्त समस्याएं हल करने की मांग की है।

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असामाजिक तत्वों ने फैलाई गंदगी

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड प्राथमिक एवं जूनियर हाईस्कूल के भवनों में असामाजिक तत्वों की ओर से बांधे गए घोड़े-खच्चरों से स्कूल में गंदगी फैल गई, जिसके बाद जय मां गौरी मानव सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने स्कूल में फैली गंदगी को साफ किया। पूर्व प्रधान मायाराम गोस्वामी एवं ग्रामीण गौरीशंकर ने बताया कि असामाजिक तत्वों ने विद्यालय भवन में घोड़े-खच्चरों को बांधकर गंदगी से बर्बाद कर दिया है। इन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय भवन, बिजली, पानी एवं फुलवारी की सफाई की।

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