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कोरोना काल के मर्म में मरहम बन रहा त्योहार का सीजन

जागरण संवाददाता ऋषिकेश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण से तीर्थ नगरी का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। हर सेक्टर में इस महामारी ने प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 07:04 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:04 PM (IST)
कोरोना काल के मर्म में मरहम बन रहा त्योहार का सीजन
कोरोना काल के मर्म में मरहम बन रहा त्योहार का सीजन

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण से तीर्थ नगरी का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। हर सेक्टर में इस महामारी ने प्रतिकूल प्रभाव डाला है। ऋषिकेश के सर्राफा कारोबार की बात करें तो यहां पिछले सात महीने में व्यापार में भारी गिरावट रही है। लॉकडाउन में दुकानें नहीं खुली। अब अनलॉक में नवरात्र और शादियों के सीजन में सर्राफा कारोबार को मरहम लगाने का काम किया है।

सर्राफा कारोबार के क्षेत्र में ऋषिकेश समूचे गढ़वाल मंडल का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां महानगरों के फैशन के मुताबिक हर तरह की सराफा बाजार में उपलब्ध रहती है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के प्रमुख शहरों से लोग सोने चांदी आभूषण की खरीदारी करने यहां आते हैं। यहां के कई स्वर्ण व्यापारियों का यह पुश्तैनी कारोबार है। झंडा चौक से लेकर सुभाष चौक तक के क्षेत्र को ज्वेलर्स मार्केट के रूप में पहचाना जाता है। इस मार्केट में करीब 20 सर्राफ कारोबार करते हैं। इसके अतिरिक्त पूरे शहर भर में करीब 40 इस तरह के कारोबारी हैं। मार्च के महीने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए जनता क‌र्फ्यू और लॉकडाउन घोषित किया था। स्वर्ण कारोबार भी इस दौरान पूरी तरह बंद रहा। समाज के उच्च और मध्यम वर्ग सभी के यहां शुभ कार्य में सोने की खरीदारी को शुभ माना जाता है। फर्क सिर्फ इतना है कि हैसियत के हिसाब से लोग आभूषण खरीदते हैं। करीब सात माह तक यह कारोबार पूरी तरह से प्रभावित रहा। अनलॉक के दौरान बाजार खोलने की छूट मिली तो आभूषण जैसी चीज हमेशा खरीदने की नहीं होती है। बाजार में आर्थिक मंदी के कारण आम ग्राहक इस तरह की महंगी वस्तुओं की खरीददारी करने से परहेज करता रहा है। अब बीते नवरात्र के सीजन में इस बाजार में रौनक लौट गई है। इस दौरान शादियों का सीजन भी रहा है। जिसने स्वर्ण कारोबारियों को मरहम लगाने का काम किया है। अक्टूबर माह का द्वितीय पखवाड़ा इन व्यापारियों के लिए सुकून देने वाला रहा है। व्यापारियों की मानें तो बाजार में 50 प्रतिशत की गति से सुधार हुआ है। दीपावली में हालात और सुधारने की उम्मीद है। कोरोना काल में तीर्थनगरी का सर्राफा कारोबार अत्यधिक प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के दौरान बंदी की भरपाई करना संभव नहीं है। इतना जरूर है कि त्योहार के सीजन में यह बाजार धीरे-धीरे फिर से खड़ा हो रहा है।

- हितेंद्र पंवार, अध्यक्ष, इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन बीते वर्ष सोने की कीमतों में इस वर्ष काफी उछाल आया है। सोना प्रति तोला 10 हजार रुपया महंगा हुआ है। बावजूद इसके बाजार में इसका आंशिक असर देखा जा रहा है। लॉकडाउन के बाद वर्तमान शादी और त्योहारी सीजन ने स्वर्ण बाजार को राहत देने का काम किया है।

- संजय पंवार, स्वर्ण व्यापारी, सुभाष चौक ऋषिकेश


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