Move to Jagran APP

यह लड़ाकू विमान समुद्री सरहद की हिफाजत में रहा था तैनात, अब बढ़ाएगा यहां की शोभा

अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा शुक्रवार को आरआइएमसी पहुंचे। उन्‍होंने आरआइएमसी को सी-हैरियर -654 गिफ्ट किया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 03 Feb 2018 05:15 PM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 10:44 PM (IST)
यह लड़ाकू विमान समुद्री सरहद की हिफाजत में रहा था तैनात, अब बढ़ाएगा यहां की शोभा
यह लड़ाकू विमान समुद्री सरहद की हिफाजत में रहा था तैनात, अब बढ़ाएगा यहां की शोभा

loksabha election banner
v>देहरादून, [जेएनएन]: अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा शुक्रवार को राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आरआइएमसी) पहुंचे। वह आरआइएमसी के पूर्व छात्र हैं। यहां पहुंचकर उन्होंने उस दौर की यादें ताजा की।
आरआइएमसी को सी-हैरियर -654 गिफ्ट किया है। भारतीय नौसेना ने ये लड़ाकू विमान 1983 में ब्रिटेन से खरीदे गए थे। नौसेना में आने के बाद ये पहले विमान वाहक पोत विक्रांत और उसके बाद फिर विराट में तैनात हो गए। विमानवाहक पोत से ही ये भारत की लंबी समुद्री सरहद की हिफाजत करने में तैनात रहते थे।
वर्टिकल लैडिंग की इसकी खासियत इसे दूसरे लड़ाकू विमानों से अलग करती है। इसमें आसमान में ही ईंधन भरने की क्षमता और इसे उतारने के लिए हवाई पट्टी की जरूरत नहीं पड़ती। भी है। 33 साल की सेवा के बाद अब इसे रिटायर किया जा चुका है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.