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उत्तराखंड में भ्रष्ट और नकारा अफसरों पर लटकी तलवार, दी जाएगी जबरन सेवानिवृत्ति

उत्तराखंड में भ्रष्ट और नकारा अफसरों पर जबरन सेवानिवृत्ति की तलवार लटक गई है। सरकार ऐसे अफसरों को समय पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान करने का कदम उठाने की तैयारी कर रही है।

By Edited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 08:36 AM (IST)
उत्तराखंड में भ्रष्ट और नकारा अफसरों पर लटकी तलवार, दी जाएगी जबरन सेवानिवृत्ति
उत्तराखंड में भ्रष्ट और नकारा अफसरों पर लटकी तलवार, दी जाएगी जबरन सेवानिवृत्ति

देहरादून, विकास धूलिया। उत्तराखंड में भ्रष्ट और नकारा अफसरों पर जबरन सेवानिवृत्ति की तलवार लटक गई है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार भी ऐसे अफसरों को समय पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान करने जैसा सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को ऐसे अधिकारियों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। 

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सूत्रों के मुताबिक पहले चरण में इस सूची में 50 वर्ष की आयु पार कर चुके अधिकारियों को शामिल करने को कहा गया है। शासन के बाद विभिन्न महकमों में भी ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों का चिह्नीकरण किया जाएगा। सरकार की कार्यशैली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की केंद्र सरकार की पहल का अब राज्य भी अनुसरण करने लगे हैं। 

इस कड़ी में केंद्र सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य की समीक्षा शुरू की है। कार्मिक मंत्रालय ने इसके लिए सभी सरकारी विभागों के सचिवों को पत्र लिख अधिकारियों- कर्मचारियों के कामकाज के आकलन को कहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नकारा और भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार कर उन्हें तत्काल अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान करने की बात कही है। 

अब उत्तराखंड सरकार भी इस मुहिम में शामिल होने जा रही है। इसकी शुरुआत शासन स्तर से की जा रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ऐसे अधिकारियों को चिह्नित किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के अलावा जिन अधिकारियों की कार्यशैली अप्रभावी है और जिनका पिछला रिकार्ड इस लिहाज से संतोषजनक नहीं है, उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा। 

शासन के बाद विभिन्न महकमों के ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें कार्य के प्रति लापरवाह, नकारा माना जाता है और जिन पर भ्रष्टाचार के मामले हैं या रहे हैं। हालांकि, उत्तराखंड के संदर्भ में सरकार के लिए इस मुहिम को आगे बढ़ाना आसान साबित होने वाला नहीं है, क्योंकि यहां पहले से ही अधिकारियों की खासी कमी है। 

जल्द सामने आएंगे परिणाम 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुसार, सत्ता संभालने के पहले ही दिन से हमने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का पालन किया है। तमाम अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में की गई कार्यवाही इसका प्रमाण है। अब उत्तराखंड में भी केंद्र सरकार की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए भ्रष्ट और नकारा अधिकारियों व कर्मचारियों पर नकेल डाली जाएगी। मैंने मुख्य सचिव को ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे। 

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