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यहां उच्चीकृत होने के बाद भी भवन की कमी से जूझ रहे विद्यालय, जानिए

उत्तरकाशी में कुछ विद्यालय अभी तक ऐसे हैं जिनका उच्चीकरण तो किया गया लेकिन उनमें अतिरिक्त भवन का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया। जिससे एक कक्ष में दो-दो कक्षाएं संचालित हो रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 08:26 PM (IST)
यहां उच्चीकृत होने के बाद भी भवन की कमी से जूझ रहे विद्यालय, जानिए
यहां उच्चीकृत होने के बाद भी भवन की कमी से जूझ रहे विद्यालय, जानिए

उत्तरकाशी, जेएनएन। सीमांतवर्ती जिले के भटवाड़ी, नौगांव, डुंडा, चिन्यालीसौड़, मोरी और पुरोला ब्लॉक में संचालित जूनियर हाईस्कूल का हाईस्कूल और हाईस्कूल का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण हो गया है। क्षेत्र में कुछ विद्यालय अभी तक ऐसे हैं जिनका उच्चीकरण तो किया गया, लेकिन उनमें अतिरिक्त भवन का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया। जिससे एक कक्ष में दो-दो कक्षाएं संचालित हो रही हैं। 

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जिले के विभिन्न ब्लॉकों में संचालित विद्यालयों का वर्ष 2011 से लेकर अब तक जूनियर हाईस्कूल का हाईस्कूल और हाईस्कूल का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण हुआ है, लेकिन कई विद्यालय ऐसे हैं जिनमें छात्र संख्या अधिक है और यहां अभी तक भवन निर्माण नहीं हुआ है। डुंडा ब्लॉक का जूनियर हाईस्कूल बड़कोट का वर्ष 2016 में उच्चीकरण हुआ था, लेकिन यहां भवन निर्माण नहीं हुआ, भवन न होने से यहां कक्षा नौ और कक्षा दस की कक्षाएं बरामदे में संचालित हो रही हैं। मोरी ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दोंणी का इंटरमीडिएट में वर्ष 2014 में उच्चीकरण हुआ था। जिसमें वर्तमान में करीब 335 छात्र संख्या है, लेकिन यहां भवन निर्माण नहीं होने से छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है। 

इन स्कूलों में है भवन की आवश्यकता

राउमावि कुथनौर, मानपुर, फोल्ड, कंडारी, दोंणी, खालसी, बडेथी धरासू, रौंतल, चिन्यालीसौड़, खामदा, सांकरी, भटवाड़ी धनारी का इंटरमीडिएट के लिए उच्चीकरण हुआ, लेकिन भवनों की संख्या नहीं बढ़ी। इसके अलावा जूनियर हाईस्कूल गंगनानी, देवजानी, भडकोट, भाकड़ा, भरांणगांव, गेंवला, बदांणगांव, बगोड़ी व जूनियर हाईस्कूल सूरी का हाईस्कलू में उच्चीकरण किया गया। जहां भवन की आवश्यकता है।

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मुख्य शिक्षाधिकारी रमेश आर्य बताते हैं कि जिले में जिन विद्यालयों का हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लिए उच्चीकरण हुआ है, उन विद्यालयों में रमसा के तहत भवन निर्माण हो रहे हैं, कुछ विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष हैं, जिनमें कक्षाएं संचालित हो रही हैं, कुछ विद्यालयों में छात्र संख्या कम हैं, जो अतिरिक्त कक्षों में ही पढ़ाई कर रहे हैं। भवन निर्माण के लिए शासन से पत्राचार किया जा रहा है।  

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