Sawan Kanwar Yatra 2021: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कांवड़ यात्रा स्थगित करना एक साहसिक फैसला
Sawan Kanwar Yatra 2021 राज्य सरकार के कांवड़ यात्रा स्थगित करने के फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) सहित अन्य संस्थाओं ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक साहसिक फैसला लिया है। इससे कोरोना की संभावित तीसरी लहर का खतरा कम होगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Sawan Kanwar Yatra 2021 राज्य सरकार के कांवड़ यात्रा स्थगित करने के फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) सहित अन्य संस्थाओं ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक साहसिक फैसला लिया है। इससे कोरोना की संभावित तीसरी लहर का खतरा कम होगा।
आइएमए उत्तराखंड ने एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कांवड़ यात्रा स्थगित करने का अनुरोध किया था। कहा था कि अगर यात्रा आयोजित होगी तो इससे कोरोना संक्रमण के व्यापक पैमाने पर प्रसार की संभावना बनेगी। तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा कुंभ मेले से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। आइएमए के प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना का कहना है कि मुख्यमंत्री ने इस ओर अच्छी और सकारात्मक पहल की है। उन्होंने कहा कि कुंभ के कारण उत्तराखंड के तमाम इलाकों में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ था। इसके कारण कई व्यक्तियों की जान भी गई थी। ऐसे में कांवड़ यात्रा में होने वाली भारी भीड़ और कोरोना प्रोटोकाल के पालन नहीं होने की संभावना को देखते हुए इसे रद करना सही फैसला है।
इधर, सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने भी सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अब अपना ध्यान कोरोना की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम और उपचार संबंधी तैयारियों पर लगाना चाहिए। इसके अलावा पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़े व्यक्तियों की मदद के लिए ठोस पहल करनी चाहिए। चारधाम और कांवड़ यात्रा रद होने से स्थानीय व्यापारियों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए उपाय खोजे जाने चाहिए।
यात्रा पर रोक का न हो विरोध प्रतीकात्मक करें धर्म का पालन
कांवड़ यात्रा पर रोक लगने से हरिद्वार के व्यापारियों में मायूसी छा गयी है। व्यापारी कांवड़ यात्रा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा सहित संत समाज ने सरकार के इस निर्णय को उचित बताया है। साथ ही सभी से इसका विरोध ना करने और कोरोना नियमों का पालन करने का आह्वान किया है। श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि सरकार का निर्णय परिस्थितियों के अनुसार सही है और इसका विरोध नहीं होना चाहिए। सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वह सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि जीवन की रक्षा सरकार का प्रथम दायित्व है। इसकी पूर्ति को जो भी जरूरी कदम हो उठाए जाने चाहिए, धर्म-आस्था के पालन को भी जगह मिलनी चाहिए। लेकिन, व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि अन्य किसी को कोई कष्ट न हो, कोई सामूहिक दिक्कत पैदा न हो। विषम परिस्थितियों को धर्म का पालन सूक्ष्म रूप में और प्रतिकात्मक तौर भी किया जा सकता है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि जनता की जीवन रक्षा के साथ ही उसकी धार्मिक आस्थाओं की निर्विघ्न पूर्ति करने का दायित्व भी सरकार का है। सरकार इसके मद्देनजर जो भी निर्णय लेती है, उसका पालन होना चाहिए।
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