उत्तरकाशी के 62 मतदान केंद्रों पर सैटेलाइट और वायरलेस से संवाद, व्यवस्था बनाने को निर्वाचन विभाग जुटा रहा है तैयारी
सीमांत जनपद उत्तरकाशी की तीन विधानसभाओं में 62 मतदान केंद्र संचार सेवा से आज भी विहीन हैं। इसके कारण इन मतदान केंद्रों को निर्वाचन आयोग सैटेलाइट फोन और वायरलेस सेट से जोडऩे में जुटा हुआ है ताकि मतदान के दिन इन केंद्रों से संवाद बना रहे।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी: सीमांत जनपद उत्तरकाशी की तीन विधानसभाओं में 62 मतदान केंद्र संचार सेवा से आज भी विहीन हैं। इसके कारण इन मतदान केंद्रों को निर्वाचन आयोग सैटेलाइट फोन और वायरलेस सेट से जोडऩे में जुटा हुआ है ताकि मतदान के दिन इन केंद्रों से संवाद बना रहे।
उत्तरकाशी जनपद की तीन विधानसभाओं में 539 मतदान केंद्र हैं। मतदान के दौरान किसी भी तरह की परेशानी ना हो, इसके लिए एक-एक बूथ की समीक्षा की जा रही है। इस दौरान सामने आया है कि निर्वाचन आयोग की सूची में उत्तरकाशी जनपद के 62 मतदान केंद्र संचार विहीन हैं। इनमें अधिकांश केंद्र पुरोला विधानसभा क्षेत्र के मोरी ब्लाक में हैं, जहां किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क नहीं है। इन इलाकों के ग्रामीणों को फोन करने भी कई किमी दूर जाना पड़ता है। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने ऐसे गांवों में स्थापित मतदान केंद्रों को वायरलेस सेट और सैटेलाइट फोन से जोडऩे की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग के पास मौजूद सैटेलाइट फोन और पुलिस व वन विभाग के वायरलेस सेट काम में लाए जा रहे हैं।
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113 बूथों पर मौसम बनेगा चुनौती
उत्तरकाशी जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर 113 मतदान केंद्र ढाई हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हैं। इन मतदान केंद्रों को जाने वाले रास्ते इन दिनों बर्फ से ढक चुके हैं। यह स्थिति फरवरी अंतिम सप्ताह तक रहती है। इसलिए हिमाच्छादित मतदान केंद्रों तक पोलिंग पार्टी पहुंचाने के लिए निर्वाचन आयोग राज्य आपदा मोचन बल, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और भारत तिब्बत सीमा पुलिस से सहयोग ले रहा है ताकि हिमाच्छादित मतदान केंद्रों पर बिना किसी परेशानी मतदान हो सके। इन केंद्रों में ओसला, गंगाड़, ढाटमीर, सेवा, लिवाड़ी, फिताड़ी, रेक्चा, खरसाली, नारायणपुरी, हर्षिल, मुखवा, धराली, सुक्की, बगोरी, जसपुर, पुराली सहित 113 मतदान केंद्रों की स्थिति यही है।
इन दिनों यहां एक फीट तक बर्फ जमी है। ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए आयोग ने मतदान कर्मियों को इसके लिए तैयार रहने और एक बार का प्रशिक्षण भी दे दिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि अगर मतदान के दौरान बर्फबारी अधिक हुई तो इसके लिए राज्य आपदा मोचन बल, निम और आइटीबीपी की मदद ली जाएगी।
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