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Sardar Patel Jayanti: सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, उनका योगदान हमेशा रहेगा याद

प्रेमचंद अग्रवाल ने सरदार पटेल को याद कर कहा कि देश सरदार पटेल की महत्वपूर्ण सेवा और सरदार पटेल को उनके स्मारकीय योगदान को कभी नहीं भुला सकता है। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 01:17 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 01:17 PM (IST)
Sardar Patel Jayanti: सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, उनका योगदान हमेशा रहेगा याद
Sardar Patel Jayanti: सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया।

देहरादून, जेएनएन। Sardar Patel Jayanti हम सरदार पटेल का उनकी जयंती पर अभिवंदन करते हैं। देश सरदार पटेल की महत्वपूर्ण सेवा और उनके स्मारकीय योगदान को कभी नहीं भुला सकता है'। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। इन शब्दों के साथ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 145वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को राष्ट्रीय एकता और अखंडता की शपथ भी दिलाई।

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सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर प्रदेशभर में उन्हें याद किया गया। साथ ही उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हुए राष्ट्रीय एकता और अखंडता की शपथ ली गई। विधानसभा भवन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष समेत कार्मिकों ने सरदार बल्लभ भाई पटेल और महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले भारत रत्न, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के आदर्शों का अनुसरण करते हुए हमें देशहित के कार्य करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हम सभी के दिल में एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण की भावना होनी चाहिए। हमारे लिए देश पहले हो यह प्राथमिकता हमें तय करनी है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि युवा पीढ़ी को सरदार पटेल के आदर्शों से प्रेरणा लेकर देश के सर्वांगीण विकास के लिए अपना योगदान देना होगा।

विधानसभाध्यक्ष ने महर्षि बाल्मीकि की जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी महान रचना से हमें महाग्रंथ रामायण का सुख मिला। यह एक ऐसा ग्रंथ है, जिसने मर्यादा, सत्य, प्रेम, भातृत्व, मित्रत्व एवम सेवक के धर्म की परिभाषा सिखाई। महर्षि वाल्मीकि को 'आदि कवि' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह प्रथम कवि थे जिसने प्रथम श्लोक की खोज की।

कार्यक्रम में विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, बृजेश बनकोटी, अंशुल चावला, अभिषेक पांडेय, बृजेश चौबे, अनु सचिव नरेंद्र रावत, उपसचिव चंद्र मोहन गोस्वामी, अनु सचिव हेम पंत, व्यवस्था अधिकारी दीपचंद, हेम गुरानी, प्रवीण जोशी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित थे।

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