संस्कृत से होगा संस्कृति का संरक्षण
संवाद सहयोगी, विकासनगर: सोमवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र के सभागार में प्राथमिक शिक्षा के शिक्ष्
संवाद सहयोगी, विकासनगर: सोमवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र के सभागार में प्राथमिक शिक्षा के शिक्षकों का छह दिवसीय संस्कृत भाषा प्रशिक्षण शुरू हुआ। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते हुए ब्लॉक संदर्भदाता योगेंद्र नेगी ने शिक्षकों से संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृत साहित्य में भारतीय संस्कृति की विविधताओं का वर्णन है, लिहाजा संस्कृति के संरक्षण के लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान बच्चे को प्राथमिक स्तर से होना जरूरी है।
कहा कि प्राचीन संस्कृत साहित्य में भारत भूमि की विविधता के साथ ही यहां के सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक पहलू का वर्णन है, जिससे वर्तमान पीढ़ी अनभिज्ञ है। प्राचीन भारत की गौरवशाली संस्कृति से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के लिए संस्कृत का प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है। मुख्य प्रशिक्षक कमलेश चड्डा ने विद्यालयों में संस्कृत संभाषण शुरू करने पर जोर देते हुए कहा कि अंग्रेजी की तर्ज पर छात्र-छात्राओं के मन में संस्कृत के प्रति भी लगाव पैदा किया जाना जरूरी है। संस्कृत साहित्य को विश्व का प्राचीन व सर्वश्रेष्ठ साहित्य करार देते हुए उन्होंने प्राथमिक स्तर से इसके पठन-पाठन को विस्तृत आयाम देने की बात की। प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन प्रशिक्षक बालीराम ने शिक्षकों को नौनिहालों से श्लोक, संस्कृत काव्यपाठ का सस्वर वाचन कराने की विधि बताई। इसके साथ ही काव्य का सस्वर वाचन करने के दौरान शारीरिक हावभाव से उसका अर्थ नौनिहालों तक पहुंचाने के गुर बताए गए। इस दौरान सरस्वती उनियाल, भूपेश पुरोहित, सुशीला ¨बजोला, सरिता ¨बजोला, मोनिका त्यागी, विद्यावती, पूनम विश्नोई, विमला शर्मा, उषा ध्यानी आदि मौजूद रहे।