समग्र शिक्षा अभियान के ढांचे पर पेच
समग्र शिक्षा अभियान के नए ढांचे पर कोरोना की मार पड़ गई है। मंत्रिमंडल से नए ढांचे को मंजूरी मिलने के तीन महीने बाद भी इसे जारी नहीं किया जा सका है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
समग्र शिक्षा अभियान के नए ढांचे पर कोरोना की मार पड़ गई है। मंत्रिमंडल से नए ढांचे को मंजूरी मिलने के तीन महीने बाद भी इसे जारी नहीं किया जा सका है।
समग्र शिक्षा अभियान को सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को एकीकृत कर बनाया गया है। दो साल पहले यह व्यवस्था लागू की जा चुकी है, लेकिन इसके ढांचे को बीती 21 मई को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली। सर्व शिक्षा अभियान में 2380 और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में 297 पद सृजित थे। कुल 2677 पदों में से 1959 को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी गई थी। नए ढांचे का शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ है। इसमें वित्त का पेच है।
नए ढांचे में शामिल ब्लॉक रिसोर्स परसन (बीआरपी) के 285 व क्लस्टर रिसोर्स परसन (सीआरपी) के 670 पदों को आउटसोर्सिग के बजाय प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा। इसमें राज्य स्तर पर कुल 75, जिला स्तर पर 234 और ब्लॉक स्तर पर 1650 पद प्रस्तावित हैं। राज्य स्तर पर शीर्ष पद राज्य परियोजना निदेशक का पदेन जिम्मा शिक्षा महानिदेशक के पास होगा। अपर राज्य परियोजना निदेशक, वित्त नियंत्रक, संयुक्त निदेशक के एक-एक पद, उप राज्य परियोजना निदेशक के आठ पद विभागीय प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे।
जिला स्तर पर जिला परियोजना अधिकारी व 26 अपर जिला परियोजना अधिकारी होंगे। ब्लॉक स्तर पर 95 खंड परियोजना अधिकारी होंगे। रिसोर्स पर्सन के 47 पद आउटसोर्सिग से भरे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक उक्त पदों में अभी और कटौती संभावित है। कोरोना काल में नए ढांचे को लागू करने को लेकर शासन स्तर पर हिचक बनी हुई है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि नए ढांचे से संबंधित पत्रावली विचाराधीन है। इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।