प्रशासन ने आत्मबोधानंद को जबरन उठाया, शिवानंद अपहरण का मुकदमा कराएंगे दर्ज
गंगा रक्षा के लिए मातृसदन में अनशन पर बैठे आत्मबोधानंद को हरिद्वार प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया है।
ऋषिकेश, जेएनएन। ब्रह्मलीन स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मांगों के समर्थन में मातृसदन आश्रम में 37 दिन से अनशन (तपस्या) पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को प्रशासन की टीम ने जबरन उठा दिया। स्वास्थ्य में गिरावट को देखते हुए उन्हें ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने प्रशासन की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह प्रशासन के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराएंगे।
मातृसदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 24 अक्टूबर से तपस्यारत हैं। इस दौरान वह केवल पानी, नींबू, नमक और शहद ले रहे हैं। गुरुवार को दोपहर बाद एसडीएम मनीष कुमार पुलिस बल के साथ मातृसदन पहुंचे। प्रशासन की टीम ने जैसे ही ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को उठाया मातृसदन के संतों ने उनका विरोध किया। अनशनरत ब्रह्मचारी को खुद को छुड़ाने का प्रयास करते रहे, लेकिन किसी की एक नहीं चली। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने इसे शासन-प्रशासन का षडयंत्र बताया।
उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह एसडीएम की ओर से तामील कराए गए नोटिस को अदालत में चुनौती दी गई है। उन्होंने नोटिस में उल्लेख किए गए तथ्यों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें ब्रह्मलीन को स्वर्गीय और तपस्या को अनशन लिखा गया है। कहा कि मातृसदन में तपस्या बिना किसी दबाव के शांतिपूर्ण की जाती रही है। एलआइयू की ओर से नोटिस में शांतिभंग की आशंका जताई गई है। ऐसे में नोटिस निरस्त करने योग्य है।
दूसरी ओर ऋषिकेश एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि कि ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की स्थिति सामान्य है। बताया कि रक्त जांच के लिए ब्रह्मचारी ने सैंपल देने से इन्कार किया है। फिलहाल वह इमरजेंसी वार्ड में हैं।
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