मोहल्ला स्वच्छता समितियों में गड़बड़ी पर निगम बैठक में हंगामा Dehradun News
दून में मोहल्ला स्वच्छता समितियों में सफाई कर्मियों की संख्या की गड़बड़ी के मामले में निगम बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ। किसी ने भी पिछला रिकार्ड देने की पैरवी नहीं की।
देहरादून, जेएनएन। दून शहर में मोहल्ला स्वच्छता समितियों में नियुक्त किए गए सफाई कर्मियों की संख्या की गड़बड़ी के मामले में निगम बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ। कुछ पार्षद अपनी छवि बेदाग बता रहे थे, तो कुछ सिर्फ शांत बैठकर तमाशा देखते रहे। चूंकि, गड़बड़ी में भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही दलों के पार्षदों पर आरोप हैं तो किसी ने भी पिछला रिकार्ड देने की पैरवी नहीं की।
हंगामे के बीच नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने सभी पार्षदों से कर्मचारियों के पहचान पत्र व फोटो नगर निगम में जमा कराने को कहा। महापौर की ओर से चेतावनी दी गई कि अब रिकार्ड के बिना समितियों का बजट जारी नहीं होगा।
विदित हो कि दैनिक जागरण ने शहर के सौ वार्डों में जुलाई में मोहल्ला स्वच्छता समिति के अंतर्गत रखे गए 635 सफाई कर्मचारियों की नियुक्तियों में गड़बड़ी का खुलासा किया था। कईं वार्ड ऐसे में जिनमें पार्षदों ने अपने रिश्ते-नातेदारों को कर्मचारियों की संख्या में शामिल किया हुआ है और हर माह उनका वेतन हड़प रहे।
पिछले छह महीने में किसी पार्षद ने निगम में इसका रिकार्ड जमा नहीं कराया था, जबकि हर महीने निगम कर्मियों के वेतन के नाम पर 50 लाख अस्सी हजार रुपये जारी कर रहा था। महापौर ने गड़बड़ी का संज्ञान लेकर सभी पार्षदों से बोर्ड बैठक से पूर्व कर्मचारियों का पूरा रिकार्ड निगम में देने को कहा था मगर ज्यादातर पार्षद इसमें विफल रहे।
हालांकि, इस मुद्दे पर उन्होंने जमकर हंगामा जरूर किया। कर्मचारियों के सत्यापन व जांच के दावे भी किए, लेकिन पिछला रिकार्ड नहीं दिया। इस पर महापौर ने दूसरा कदम उठाते हुए कहा कि अब हर माह कर्मचारियों का रिकार्ड देने पर ही नगर निगम से बजट जारी होगा। इस दौरान कुछ पार्षदों ने कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने की मांग भी की।
जिसने दिया रिकार्ड, वही पराया
स्वच्छता समिति का रिकार्ड सबसे पहले निगम में जमा कराने वाले भाजपा के पार्षद भूपेंद्र कठैत अपने ही पार्षदों के निशाने पर रहे। भाजपा पार्षद अमिता सिंह ने तो कठैत को 100 पार्षदों में गिनने से भी इन्कार कर दिया। वे बोली कि 99 पार्षद एक साथ हैं, जबकि एक अलग।
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अमिता सिंह ने समिति की जांच की मांग तो की, लेकिन बीते माह के रिकार्ड जमा कराने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। बता दें कि, भूपेंद्र कठैत ने महापौर के निर्देश पर बोर्ड बैठक से पूर्व कर्मचारियों के नाम व बैंक खाते समेत पूरा रिकार्ड नगर निगम में जमा करा दिया था।
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