Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में छिड़ा वाकयुद्ध, देहरादून की इन पांचों सीटों पर मचा घमासान
Uttarakhand Vidhan Sabha Election 2022 कांग्रेस ने अभी टिकट को लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन इससे पहले इसको लेकर घमासान शुरू हो गया है। देहरादून की पांच विधानसभा सीटों पर नेता ताल ठोक रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। अभी टिकटों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेस महानगर देहरादून की पांचों सीटों में प्रत्याशियों व उनके समर्थकों के बीच इंटरनेट मीडिया में जमकर वाकयुद्ध चल रहा है। दून के राजपुर और कैंट विधानसभा सीटों को लेकर सबसे ज्यादा दावेदार सामने आ रहे हैं, ऐसे में दावेदारों के समर्थक भी अपने नेता को खुश करने के लिए दूसरे दावेदार पर तीखे हमले कर रहे हैं।
कैंट विधानसभा क्षेत्र में जिन्होंने दावेदारी जताई है उनमें महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वैभव वालिया, राज्य आंदोलनकारी विरेंद्र पोखरियाल, अशोक वर्मा, संजय शर्मा, मनीष जोशी मुख्य रूप से हैं। इसी तरह रायपुर विस क्षेत्र से दावेदारों की लिस्ट भी छोटी नहीं हैं। यहां पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रभुलाल बहुगुणा, महेंद्र सिंह नेगी उर्फ गुरूजी, सूरत सिंह नेगी, भूपेंद्र नेगी, महेश जोशी आदि अपने समर्थकों के कंधे पर बंदूक रखकर दावेदारी कर रहे हैं।
हालांकि, मसूरी विधानसभा क्षेत्र में जोत सिंह गुनसोला और पूर्व प्रत्याशी गोदावरी थापली अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे हैं। केवल राजपुर रोड आरक्षित सीट से पूर्व विधायक राजकुमार व धर्मपुर क्षेत्र से पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल की सिंगल दावेदारी ही सामने आ रही है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि महानगर की तीन सीटों पर दावेदार पहली लिस्ट में फाइनल होते नहीं दिखाई दे रहे हैं, केवल राजपुर रोड व धर्मपुर सीट से प्रत्याशी के नाम पहली लिस्ट में आने की उम्मीद जताई जा रही है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी के पास सभी दावेदारी के नाम पहुंचे हुए हैं। पार्टी हाईकमान व सीईसी प्रत्याशी चुनने में सभी पहलुओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। जो प्रत्याशी जीतने की स्थिति में होगा उसे ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर कोई मतभेद नहीं हैं। दावेदारी करना सबका अधिकार है। यह पार्टी की नीति और रीति का हिस्सा है।