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आरएसएस उत्तराखंड ने प्रांत में प्रत्यक्ष शाखाओं को किया स्थगित, इस वजह से लिया गया फैसला

कोरोना वायरस संक्रमण मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड ने प्रांत में प्रत्यक्ष शाखाओं को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया है। संघ के प्रांत प्रचारक युद्धवीर सिंह अध्यक्षता में संघ की आज हुई बैठक में यह फैसला लिया गया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 11:13 PM (IST)
आरएसएस उत्तराखंड ने प्रांत में प्रत्यक्ष शाखाओं को किया स्थगित, इस वजह से लिया गया फैसला
आरएसएस उत्तराखंड ने प्रांत में प्रत्यक्ष शाखाओं को किया स्थगित।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने प्रांत में प्रत्यक्ष शाखाओं स्थगित कर दिया है। साथ ही सभी से गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है।प्रांत प्रचारक युद्धवीर सिंह ने स्वयंसेवकों से आग्रह किया है कि लॉकडाउन में ढिलाई के कारण समाज में आवश्यक सावधानी के प्रति उपेक्षा का भाव आया है। ऐसे समय में प्रत्येक शाखा अपने शाखा क्षेत्र में मोहल्ले के अनुसार योजना बनाकर सेवा का उपक्रम शुरू करें।

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जिससे शाखाओं के बंद होने पर भी स्वयंसेवकों की सक्रियता बनी रहे। उन्होंने अपने मोहल्ले में वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता लाने और शासन-प्रशासन का सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अपने मोहल्ले में परिवारों में काढ़ा, मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराने को कहा है। परिवारों से घरों में साप्ताहिक यज्ञ करने का भी आह्वान किया गया है। बताया कि स्वयंसेवक अपने आसपास के 20-25 परिवारों को केंद्र बिंदु मानकर यह प्रयोग करेंगे।

बच्चों को सिखाए आग बुझाने के तरीके

अग्नि सुरक्षा सप्ताह के तहत फायर ब्रिगेड विभाग की ओर से केंद्रीय विद्यालय अपर कैंप व हिमालयन पब्लिक स्कूल (एचपीएस) में गोष्ठी का आयोजन किया गया। अग्निशमन अधिकारी सुरेश चंद्र ने बताया कि आग लगने के तुरंत बाद ही यदि कंट्रोल रूम में सूचना दी जाए तो बड़ा नुकसान होने से बचा जा सकता है। इस दौरान बच्चों को डैमो देकर आग बुझाने के तरीके भी बताए गए।

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उन्होंने कहा कि फायर ब्रिगेड आपातकालीन सेवा में आता है, इसलिए प्रत्येक बच्चे को फायर ब्रिगेड का टोल फ्री नंबर याद रखना चाहिए। अग्निशमन अधिकारी ने वनों में लगने वाली आग से होने वाले नुकसान के बारे में भी बच्चों को जागरूक किया। कहा कि आग के कारण वन संपदा व कई किस्म की जड़ी बूटियां नष्ट हो जाती हैं। वहीं, वातावरण भी दूषित होता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति वनों को आग लगाते हुए दिखे तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे सकते हैं। 

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