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देवभूमि में जरूरतमंदों की सेवा में जुटा संघ परिवार, लोगों को उपलब्‍ध करा रहा राहत सामग्री और भोजन

कोरोना संकट के दृष्टिगत जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के लिए संघ और उसके 32 आनुषागिक संगठनों के स्वयंसेवक मैदान से लेकर पहाड़ तक पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं।

By Edited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 07:13 AM (IST)
देवभूमि में जरूरतमंदों की सेवा में जुटा संघ परिवार, लोगों को उपलब्‍ध करा रहा राहत सामग्री और भोजन
देवभूमि में जरूरतमंदों की सेवा में जुटा संघ परिवार, लोगों को उपलब्‍ध करा रहा राहत सामग्री और भोजन

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)। एक ऐसा संगठन जो विपत्ति की घड़ी में रेडी फॉर सेल्फलेस सर्विस के लिए हमेशा तत्पर रहता है। साथ ही, विपत्ति से पार पाने के लिए देश एक साथ कैसे खड़ा हो, इसके लिए भी कदम बढ़ाता है। अनाम लेखक की इस टिप्पणी को मौजूदा दौर में संघ के स्वयंसेवक चरितार्थ कर रहे हैं और उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना संकट के दृष्टिगत जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के लिए संघ और उसके 32 आनुषागिक संगठनों के स्वयंसेवक मैदान से लेकर पहाड़ तक पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। महज 10 दिन के भीतर 17 हजार परिवारों तक राहत सामग्री और रोजाना 12 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराना संघ के सेवा भाव को बया करने को काफी है। 

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कोरोना संकट से निबटने के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन के दौरान लोगों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार के स्तर से तो कदम उठाए ही जा रहे हैं, आरएसएस भी अपने स्तर से जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने में लगा हुआ है। संघ के प्रात संयोजक (सामाजिक समरसता) राजेंद्र पंत बताते हैं कि प्रदेश में सेवा बस्तिया चिह्नित की गई हैं, जहा निरंतर सहायता जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही है। 

साथ ही उन लोगों को भी खाद्यान्न और भोजन मुहैया कराया जा रहा, जो लॉकडाउन के चलते प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर फंसे हैं। उन्होंने बताया कि संघ केआनुषागिक संगठन भी अलग से सेवा कार्य में तल्लीन हैं। संघ के कार्यकर्ता कोरोना से बचाव के मद्देनजर लोगों को घरों में रहने और एक-दूसरे से शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन करने को प्रेरित भी कर रहे हैं। 

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संघ की मुहिम 

  • 137 स्थानों पर प्रशासन का सहयोग कर रहा संघ 
  •  797 स्वयंसेवक दे रहे प्रशासन के साथ समय 
  • 117 जगह बनाए हैं खाद्य सामग्री एकत्रीकरण केंद्र 
  • 17279 परिवारों को मुहैया कराई गई सहायता 
  • 1601स्वयंसेवक निरंतर दे रहे समय 
  • 1216 लोगों ने वितरण को उपलब्ध कराई सामग्री 
  • 65 स्थानों पर बनाए गए नियमित भोजन केंद्र 
  • 11895 लोगों को रोजाना उपलब्ध कराया जा रहा भोजन 
  • 662 स्थानों पर संघ ने बनवाए दूरी के मानक चिह्न 
  •  27395 मॉस्क का किया जा चुका वितरण 
  • 4770 सेनिटाइजर की बोतलें बाटी गईं 
  • (नोट : संघ के सेवा कार्य के ये आकड़े तीन अप्रैल तक के हैं।)

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