विभागों के एकीकरण पर कर्मचारी संगठन मुखर
विभागों का एकीकरण करने के सरकार के फैसले के खिलाफ कर्मचारी मुखर हो गए हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कार्मिकों को विश्वास में न लेने पर नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : विभागों का एकीकरण करने के सरकार के फैसले के खिलाफ कर्मचारी मुखर हो गए हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कार्मिकों को विश्वास में न लेने पर नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
शुक्रवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से आयोजित बैठक में प्रदेश कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय ने कहा कि विभिन्न विभागों के एकीकरण के लिए शासन स्तर पर बिना काíमक संगठनों को विश्वास में लिए तैयारी की जा रही है। जिससे कार्मिकों का अहित और विभागीय कार्य प्रभावित होने की आशंका है। कृषि-उद्यान, युवा कल्याण-खेल, खाद्य-रसद विभाग के काíमक संगठनों ने संयुक्त परिषद की बैठक में शामिल होकर एकीकरण पर एतराज जताया। कार्मिकों ने कहा कि एकीकरण के बाद निचले स्तर के (समूह-ग एवं घ) काíमकों के पदों की संख्या में कटौती प्रस्तावित है। समय-समय पर मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्रियों के निर्देशों की अवहेलना करते हुए विभागीय संगठनों को एकीकरण की प्रक्रिया से अलग रखा जा रहा है। जबकि, संबंधित विभागों के संगठनों ने विभागीय मंत्री के स्तर पर बैठक आयोजित कर उनकी आपत्तियों के निस्तारण की मांग की है। इस संबंध में तत्कालीन कृषि एवं उद्यान सचिव डी सैंथिल पांडियन ने अपने स्तर से पहल करते हुए विभागीय अधिकारियों एवं काíमक संगठनों की बैठक आयोजित की थी। जिसमें उन्होंने काíमक संघों की आपत्तियों को उचित मानते हुए मात्र शासन स्तर पर महानिदेशक की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित किया था। साथ ही निर्देश दिया था कि दोनों विभागों के वर्तमान ढांचे में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। लेकिन, उनके निर्देशों की अवहेलना करते हुए पुन: दोनों विभागों के एकीकरण का प्रस्ताव पास किया गया है। कर्मचरियों ने एकस्वर में विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, नंद किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, दीपक पुरोहित, गिरीजेश कांडपाल, सुनील देवली, इंद्रमोहन कोठारी, हर्षमोहन नेगी, आरपी जोशी, चौधरी ओमवीर सिंह आदि शामिल हुए।