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उत्‍तराखंड के रोडवेजकर्मी 29 से करेंगे आंदोलन

लंबित वेतन के भुगतान समेत अन्य समस्याओं को लेकर उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने 29 दिसंबर से आंदोलन की चेतावनी दी है। कहा है कि अगर इस बीच यूनियन के सदस्यों का उत्पीडऩ किया गया तो वे किसी भी समय रोडवेज के तीनों मंडल में कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 07:10 AM (IST)
उत्‍तराखंड के रोडवेजकर्मी 29 से करेंगे आंदोलन
उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने 29 दिसंबर से आंदोलन की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: लंबित वेतन के भुगतान समेत अन्य समस्याओं को लेकर उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने 29 दिसंबर से आंदोलन की चेतावनी दी है। यूनियन ने यह भी कहा है कि अगर इस बीच यूनियन के सदस्यों का उत्पीडऩ किया गया तो वे किसी भी समय रोडवेज के तीनों मंडल में कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे। 

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मंडलीय प्रबंधक संचालन को दिए गए आंदोलन के नोटिस में यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष बालेश कुमार व मंत्री हरि सिंह ने बताया कि पिछले साल 18 सितंबर व इस वर्ष नौ जनवरी को प्रबंधन से हुई द्विपक्षीय वार्ता में यूनियन की मांगों पर सहमति बनी थी। इसके बावजूद अब तक एक भी मांग पर कार्रवाई नहीं की गई। यूनियन ने आरोप लगाया कि पिछले 11 माह में कईं मर्तबा मंडलीय प्रबंधक से मौखिक रूप से वार्ता भी की गई, लेकिन वे समस्या सुलझाने के बजाए उसे लटकाने में लगे रहे। आरोप है कि सभी डिपो से लिपिकों का पूरा रिकार्ड मिलने के बावजूद डिपो के एजीएम किसी लिपिक से पद के अनुरूप कार्य नहीं ले रहे हैं। कईं एजीएम परिचालकों से लिपिक का कार्य ले रहे हैं, जिससे बस संचालन काफी प्रभावित हो रहा व निगम को हानि हो रही है।

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संविदा, विशेष श्रेणी चालक-परिचालक और कार्यशाला के कर्मियों को मिलने वाले प्रोत्साहन भत्ते को फिर शुरू कर पहले की तरह वेतन में जोड़कर देने की मांग की गई। आइएसबीटी देहरादून की विंग को खत्म कर वहां तैनात वरिष्ठ व कनिष्ठ लिपिक व अन्य कर्मचारियों को अन्य डिपो में तैनात करने की मांग की गई। पूर्व में हटाए गए चालकों को दोबारा नियुक्ति के लिए निगम मुख्यालय ने जो कमेटी बनाई है, उसे शीघ्र कार्य पूरा करने को कहा जाए। चार माह के लंबित वेतन का भुगतान किया जाए। इसके साथ ही यूनियन ने मंडलीय प्रबंधक दफ्तर के एक लिपिक के गैर-हाजिर होने के बाद भी पांच दिन की हाजिरी लगाने के मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है। यूनियन ने प्रबंधन को 28 दिसंबर तक मांगें मानने का समय दिया है। 

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