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आयुर्वेद विवि के प्रभारी कुलसचिव की जान को खतरा, जानिए पूरा मामला

आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव ने स्वयं और परिवार की जान को खतरा बताया है। इस संबंध में उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 04:41 PM (IST)
आयुर्वेद विवि के प्रभारी कुलसचिव की जान को खतरा, जानिए पूरा मामला
आयुर्वेद विवि के प्रभारी कुलसचिव की जान को खतरा, जानिए पूरा मामला

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव ने स्वयं और परिवार की जान को खतरा बताया है। इस संबंध में उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है। पत्र में तीन लोगों से जान का खतरे का अंदेशा जताया है। इधर, पुलिस जांच की बात कह रही है। 

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प्रभारी कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा कि विवि में पूर्व कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच जारी है। इस जांच में विवि में वर्षों से कब्जा जमाए कुछ लोगों को पुलिस के सहयोग से हटाया गया। इन लोगों पर भी गड़बड़ी करने का आरोप है। 

वर्तमान प्रकरण और पूर्व में चल रहे मामलों को देखते हुए विवि में कब्जेधारी रहे लोगों के क्रिया कलापों से प्रभारी कुलसचिव डा. राजेश कुमार ने खुद की और परिवार की जान को खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि वह मूल रूप से हरिद्वार के रहने वाले हैं। वर्तमान में विवि परिसर में निवास करते हैं। यदि उनके और परिवार के साथ कोई घटना होती तो इसके लिए तीन लोग जिम्मेदार होंगे। 

इस मामले में एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। इधर, कुलसचिव ने पुलिस महानिदेशक, सचिव आयुष समेत अन्य अधिकारियों को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी है। 

भ्रष्टाचार में मिश्रा के सहयोगियों की जांच शुरू 

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के चार सहयोगियों की भूमिका की जांच शुरू हो गई है। भूमिका तय होते ही आरोपितों की गिरफ्तारी होगी। इसके लिए सतर्कता की टीमें दो फर्म और पांच बैंक खातों की डिटेल का अध्ययन कर रही हैं। इधर, फरार चल रही नूतन रावत को लेकर सतर्कता विभाग फिलहाल अंधेरे में ही तीर चला रहा है। 

आयुर्वेद विवि में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार मृत्युंजय मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मिश्रा के खिलाफ नित नए आरोप और सबूत मिलने की आंच सहयोगियों तक पहुंच रही है। खासकर दर्ज मुकदमे में मिश्रा के साथ पत्नी श्वेता मिश्रा, ड्राइवर अवतार सिंह और मिश्रा की करीबी अमेजन ऑटोमेशन की शिल्पा त्यागी, क्रिएटिव वल्र्ड सोलेशन की नूतन रावत की गिरफ्तारी से पहले सतर्कता की टीम भूमिका तैयार करने में जुट गई है। छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज, बैंक खाते, फर्म के बिल, नकदी जैसे प्रमाणों के अलावा बैंक खातों की डिटेल का अध्ययन शुरू हो गया है। खुली जांच के दौरान करीब एक करोड़ के घपले के पुष्टि होने के अलावा फर्म और प्राइवेट खातों में कहां से रकम आई और किसे दी गई, इसकी डिटेल जुटाई जा रही है। 

एसएसपी सतर्कता अबूधई सेंथिल कृष्णराज ने बताया कि बैंक खातों और छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज मिले हैं, उनका अध्ययन किया जा रहा है। जिसकी भूमिका भी सामने आएगी, गिरफ्तारी होगी। अभी तक खुली जांच में जो प्रमाण मिले हैं, उनके आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है। 

'मृत्युंजय! यूटीयू जैसा हाल आयुर्वेद में मत करना...' 

देहरादून: शासन के एक पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह ने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को पहले ही आगाह किया था कि उत्तराखंड तकनीकी विवि(यूटीयू) जैसे हाल यहां मत करना। वरना बुरी तरह फंस जाओगे। मगर, मिश्रा इस बात को नजरंदाज कर विवि में मनमानी करते रहे। उसी का नतीजा है कि वह अपने बुने जाल में फंस गए। 

उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलपति डा.एसपी मिश्रा ने जागरण से बातचीत में उक्त बातें कहीं। कहा कि विवि में जितने दिन वह रहे, मिश्रा की खुरापात से परेशान रहे। मिश्रा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से तो वह बचते रहे, मगर यह जरूर कह गए कि शासन के एक वरिष्ठ पूर्व नौकरशाह ने खुली मीटिंग में कहा था कि मृत्युंजय यूटीयू जैसा हाल यहां मत करना। उस दौरान शासन के कई वरिष्ठ नौकरशाह भी बैठक में मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि आज आयुर्वेद विवि को जिस स्थिति में ला खड़ा कर दिया है, उसके लिए कुछ अफसरों के गलत फैसले भी जिम्मेदार हैं। इशारों में पूर्व कुलपति ने कहा कि कुछ अफसरों की वजह से ही प्रदेश की एक अच्छी यूनिवर्सिटी बर्बादी की कगार पर पहुंची है। इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अंत में पूर्व कुलपति ने मृत्युंजय मिश्रा का नाम लिए बिना कहा कि जो किया, उसका फल मिला है। आगे यूनिवर्सिटी सही चले, हम यही कामना करते हैं। 

कम उम्र में किए बड़े काम 

पूर्व कुलपति ने कहा कि सिर्फ 40-45 की उम्र में बड़े काम किए हैं। यह एनर्जी यदि अच्छे कार्यों में लगती तो फायदा मिलता। लेकिन इतनी कम उम्र में स्टिंग से लेकर भ्रष्टाचार का खुलासा होगा, यह किसी ने सोचा तक नहीं। 

मिश्रा ने लिखी दो विवि की बर्बादी 

यूटीयू में रहते हुए मृत्युंजय मिश्रा अक्सर विवादों में रहे। यहां लाखों रुपये के घपले के आरोप भी मिश्रा पर लगे। यहां से मिश्रा को आयुर्वेद विवि में लाया गया तो वहां भी उनके कार्य संभालते ही विवाद साथ आ गए। हर माह और हर साल मिश्रा के विवाद सुर्खियां में रहे। अब गिरफ्तारी हुई तो विवादों की लंबी फेहरिस्त भी सामने आ गई। लेकिन यह सच है कि दो विवि में जो भी घपले-घोटाले हुए हैं, उनमें मृत्युंजय मिश्रा जैसे लोगों के नाम सामने आए हैं। 

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