संजय झील के सौंदर्यीकरण को मिले दस लाख रुपए, विधानसभा अध्यक्ष ने वनाधिकारियों के साथ की बैठक
संजय झील के सौंदर्यीकरण को प्रारंभिक कार्यों के लिए राज्य सेक्टर योजना के तहत दस लाख रुपये की धनराशि प्रभाग को मिल गई है। इससे झील के आस-पास प्राथमिकता के आधार पर कार्य शुरू कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। हरिद्वार मार्ग पर काले की ढाल के समीप प्रस्तावित संजय झील के सौंदर्यीकरण को प्रारंभिक कार्यों के लिए राज्य सेक्टर योजना के तहत दस लाख रुपये की धनराशि प्रभाग को मिल गई है। इससे झील के आस-पास प्राथमिकता के आधार पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने वन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
बैराज स्थित कैंप कार्यालय में विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को बैठक में अधिकारियों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि संजय झील के सौंदर्यीकरण के संबंध में पहले भी अधिकारियों को इस पर जल्द काम करने के लिए निर्देशित किया गया था। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि उन्होंने संजय झील का निरीक्षण किया है। साथ ही कई कार्य शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने ये भी बताया कि संजय झील में प्रारंभिक कार्यों के लिए राज्य सेक्टर योजना के तहत दस लाख रुपए की धनराशि प्रभाग को प्राप्त हो गई है।
इससे झील के आस-पास उगी खरपतवार को साफ किया जा चुका है। ट्रेल का निर्माण कार्य, प्रवेश गेट का निर्माण, फेंसिंग कार्य शुरू कराए जा रहे हैं। वर्तमान समय में संजय झील में वर्ड वाचिंग के कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए जा चुके हैं। इस अवसर पर डीएफओ राजीव धीमान ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया कि संजय झील के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए तकनीकी विशेषज्ञता को देखते हुए विस्तृत आगणन और कार्ययोजना तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं ली जानी प्रस्तावित है।
इस पर 10 लाख रुपए की धनराशि का व्यय भी प्रस्तावित है। डीएफओ ने बताया कि पांच लाख रुपये की धनराशि प्रभाग को प्राप्त हो चुकी है। इस धनराशि से संजय झील के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई गतिमान है। जल्द ही डीपीआर तैयार कर इसका प्रस्तुतिकरण किया जाना है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संजय झील प्राकृतिक रूप से अत्यंत सुंदर है।
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शहर के बीच में इस तरह के स्थान को विकसित करने से तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान अग्रवाल ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन क्षेत्र से सटे संपर्क मार्गों का कैंपा योजना के माध्यम से निर्माण किए जाने के संबंध में भी अधिकारियों से चर्चा की। बैठक में राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक डीके सिंह भी उपस्थित थे।
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