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Rishikesh-Karnprayag Rail Line: लोनिवि के इस नियम ने अटकाया ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम, जानिए

Rishikesh-Karnprayag Rail Line Project ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम लोक निर्माण विभाग के मानकों के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहा है। दरअसल रेलवे को इस काम के लिए भारी मशीनों को पर्वतीय क्षेत्रों में ले जाना है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 10:07 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 10:07 AM (IST)
लोनिवि के इस नियम ने अटकाया ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम।

राज्य, ब्यूरो, देहरादून। Rishikesh-Karnprayag Rail Line Project  ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम लोक निर्माण विभाग के मानकों के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहा है। दरअसल, रेलवे को इस काम के लिए भारी मशीनों को पर्वतीय क्षेत्रों में ले जाना है, लेकिन लोक निर्माण विभाग के मानक 16200 किग्रा से अधिक भार वाहन को अनुमति नहीं देते। ऐसे में रेलवे ने शासन से इस संबंध में छूट प्रदान देने का अनुरोध किया है।

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प्रदेश में इस समय ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से काम चल रहा है। इस रेल लाइन को पूरा करने की समयसीमा वर्ष 2024 रखी गई है। अभी ऋषिकेश से देवप्रयाग तक रेल लाइन का काम काफी प्रगति पर है। अब इसके आगे का काम होना है। यहां पहाड़ों को काटने और रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे को भारी उपकरणों को ले जाना है मगर वह ऐसा कर नहीं पा रही है। इसका कारण लोक निर्माण के कड़े मानकों का होना है। दरअसल, लोक निर्माण के मानकों के अनुसार केवल 16200 किग्रा तक भार वाहन ही पर्वतीय क्षेत्र के पुलों से जा सकते हैं। इससे अधिक भार वाहनों को इन पुलों से जाने की अनुमति नहीं है। 

यह मानक सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 में जारी दिशा निर्देशों के क्रम में बनाए गए हैं। रेलवे के पास जो मशीनें हैं, उनका वजन 25000 किग्रा से अधिक है। लोक निर्माण के इन मानकों का पूर्व में अन्य माल वाहक वाहन स्वामी भी विरोध कर रहे हैं। वहीं कुछ समय पहले रेलवे के अधिकारियों ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश के सामने अपना पक्ष रखा था। उनका तर्क था कि सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने भार वाहन की सीमा बढ़ाकर 18500 किग्रा कर दी है। प्रदेश में अधिकांश जगह नए पुल बन गए हैं। 

ऐसे में उन्हें 25000 किग्रा तक के भार वाहन ले जाने की अनुमति प्रदान की जाए। मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को इस संबंध में उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इस क्रम में सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ऐसे पुलों की सूचना देने को कहा है, जो इतना अधिक भार वाहन करने में सक्षम नहीं हैं ताकि इन पुलों को छोड़ शेष से रेलवे को उपकरणों को ले जाने की अनुमति दी जा सके।

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