ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में स्थापित किया जाएगा सिंगल विंडो क्लीयरेंस
प्रत्येक जिले में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से संबंधित कार्यों को स्वीकृति देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित किया जाएगा ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से संबंधित कार्यों को स्वीकृति देने के लिए प्रत्येक जिले में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित किया जाएगा ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके। रेल लाइन को चारधाम से जोड़ने के लिए लगभग 327 किमी की चार रेलवे लाइन अलाइनमेंट पर भी जल्द कार्य शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रेल लाइन से संबंधित भूमि व क्षतिपूर्ति और अन्य मामलों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार करने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैंप कार्यालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली, टिहरी व रुद्रप्रयाग को निर्देश दिए कि वे रेलवे के साथ समन्वय बनाकर हर तरह की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराएं। मलबा निस्तारण के लिए चिह्नित डंपिंग जोन आदि से संबंधित स्वीकृतियां शीघ्र जारी की जाएं।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग को ब्यासी-नरकोटा पुल निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस पुल के बनने से रेलवे को भारी मशीनों को लाने में सहायता मिलेगा। मुख्यमंत्री ने विद्युत विभाग रेलवे द्वारा तय स्थानों पर विद्युत कनेक्शन भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलाधिकारी आपसी अनुभवों को साझा करते हुए इसमें आने वाली परेशानियों को दूर करें। उन्होंने रेलवे मार्ग के सभी स्टेशनों की भव्यता का ध्यान रखने के साथ ही इनका निर्माण पर्वतीय शैली की स्थापत्यकला के अनुसार करने को कहा।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव शैलेश बगोली, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन तथा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी व टिहरी के जिलाधिकारी एवं रेल परियोजना के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर हिमांशु बडोनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
भू-अधिग्रहण को 623.92 करोड़ हुए वितरित
ब ठक में रेलवे विकास निगम के अधिकारियों ने परियोजना की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसका फाइनल लोकेशन सर्वे पूर्ण हो चुका है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण के साथ ही फॉरेस्ट क्लीयरेंस का कार्य पूरा हो चुका है। भूअधिग्रहण के लिए निर्गत 804.28 करोड़ रुपये के सापेक्ष 623.92 रुपये वितरित किए जा चुके हैं। परियोजना के तहत 16 टनल का कार्य छह पैकेज में बांटा गया है। इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है। योजना के तहत वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक का काम 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक का काम 2014-25 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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गूगल मैप पर चारधाम मार्ग पर दौड़ी ट्रेन
बैठक में रेलवे के अधिकारियों ने चारधाम यात्रा मार्ग को भी इस रेल लाइन को जोडऩे के लिए प्रजेंटेंशन दिया, जिसमें गूगल मैप पर इस ट्रेन को इन स्टेशनों तक पहुंचते हुए दिखाया गया। बताया गया कि यमुनोत्री, गंगोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ को रेल सेवा से जोड़ने के लिए 327 किमी की कुल लंबाई की चार रेलवे लाइन अलाइनमेंट पर कार्य किया जाएगा। अलाइनमेंट-1 में उत्तरकाशी-बड़कोट, अलाइनमेंट-2 में डोईवाला-मनेरी, अलाइनमेंट-3 में कर्णप्रयाग-सोनप्रयाग व अलाइनमेंट-4 में साईकोट-जोशीमठ रेलवे लाइन का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में कुल 21 रेलवे स्टेशन व 61 टनल बनाई जाएंगी। चारधाम रेल प्रोजेक्ट का जियो मेपिंग, हाईड्रोलॉजिकल स्टडी, ड्रोन सर्वे व एनवायरमेंट स्टडी की जा चुकी है। इसका फाइनल लोकेशन सर्वे 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
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