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यहां कोरोना जांच के नाम पर हो रही रस्म अदायगी, अधिकांश केंद्रों पर नहीं बैठ रहा मेडिकल स्टाफ

ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में अपने आप में महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां पूरे 12 महीने पर्यटकों की आमद रहती है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान जरूर यहां कुछ प्रतिबंध रहे लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 09:21 AM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 09:21 AM (IST)
यहां कोरोना जांच के नाम पर हो रही रस्म अदायगी, अधिकांश केंद्रों पर नहीं बैठ रहा मेडिकल स्टाफ
यहां कोरोना जांच के नाम पर हो रही रस्म अदायगी।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। तीर्थाटन और पर्यटन की दृष्टि से ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में अपने आप में महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां पूरे 12 महीने पर्यटकों की आमद रहती है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान जरूर यहां कुछ प्रतिबंध रहे लेकिन, अब सब कुछ सामान्य हो गया है। इन सबके बीच कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। विभाग की ओर से ऋषिकेश क्षेत्र में कोविड जांच केंद्र खोले गए थे। इनमें अधिकांश केंद्र मेडिकल स्टाफ के बिना सुने पड़े हैं। पिछले 24 घंटे में देश के भीतर करीब 13 हजार संक्रमण के मामले आ चुके हैं, 221 लोग की मौत हो चुकी है। इन सब के बीच इस तरह की लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है।

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प्रदेश सरकार की ओर से कोविड-19 गाइड लाइन में छूट दिए जाने के बाद चारधाम यात्र ही नहीं बल्कि रा¨फ्टग और साहसिक पर्यटन के लिए बड़ी संख्या में अन्य प्रांतों से पर्यटक यहां लगातार पहुंच रहे हैं। जनपद टिहरी गढ़वाल की सीमा पर प्रशासन की ओर से कोविड-19 जांच की व्यवस्था की गई है। जांच केंद्र अपनी जगह बने हैं लेकिन यह यहां आने वाले पर्यटक की मर्जी पर संचालित हो रहे हैं। कारण यही है कि जो स्वेच्छा से इन केंद्र में पहुंच रहा है वह जांच करा रहा है। यहां पर बाहर से आने वाले यात्रियों को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है।

मुनिकीरेती क्षेत्र के नोडल अधिकारी डा. जगदीश चंद्र जोशी ने बताया कि ढाल वाला, भद्रकाली, तपोवन और कैलाश गेट पर बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की गई है, लेकिन बाहर से आने वाले वाहनों को रोकने की वर्तमान में कोई व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन औसतन साठ व्यक्तियों की यहां पर जांच हो पा रही है।

ऋषिकेश के क्षेत्र की स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है। त्रिवेणी घाट यहां की हृदय स्थली है, यहां पर पुलिस चौकी के सामने कोविड-19 जांच बूथ बनाया गया है। इसमें दो महीने से इसमें धूल जमी है। कोई भी स्टाफ यहां बैठने के लिए नहीं आता है। पुराना रेलवे स्टेशन, योग नगरी रेलवे स्टेशन, परिवहन निगम बस अड्डा ऐसे सार्वजनिक स्थल है जहां बाहर से बड़ी संख्या में यात्री पहुंचते हैं। यहां भी जांच व्यवस्था भगवान भरोसे है।कोरोना महामारी को लेकर लापरवाही जारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप सहित मध्य एशिया के 53 देशों को कोरोना की तीसरी लहर के लिए चेतावनी जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यूरोपीय देशों में संक्रमण के मामले 50 प्रतिशत बढ़े हैं।

भारत में पिछले 24 घंटे में करीब 13 हजार संक्रमण के मामले सामने आए हैं। जबकि 221 लोग की मौत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में कोराना संक्रमण के प्रति स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आमजन पर भारी पड़ सकती है।एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में कोरोना नोडल अधिकारी का काम देख रहे डा. संतोष कुमार पंत ने बताया कि उनका तबादला अब राजकीय चिकित्सालय नागनाथ पोखरी कर दिया गया है। इसलिए वह इस मामले में कुछ भी बताने में असमर्थता है।

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