उत्तराखंड में अशासकीय कालेज प्रबंधन से छिनेगा भर्ती का अधिकार
प्रदेश के अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में भर्तियां करने का अधिकार विद्यालय प्रबंध तंत्र से हटाया जा सकता है। भर्तियों में मिल रही शिकायतों को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में भर्तियां करने का अधिकार विद्यालय प्रबंध तंत्र से हटाया जा सकता है। भर्तियों में मिल रही शिकायतों को देखते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने गुरुवार को अपने आवास पर शिक्षा सचिव के साथ विभाग के आठ सूत्रीय बिंदुओं पर चर्चा की। सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायतें विभाग और शासन की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। बीते दिनों शिक्षा महानिदेशक ऊधमसिंहनगर जिले के अशासकीय विद्यालय में भर्तियों में शिकायत के मामले में जांच के आदेश दे चुके हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि सरकार भर्तियों में पारदर्शिता को प्राथमिकता दे रही है। लिहाजा अशासकीय विद्यालयों में भी भर्तियों के लिए अलग आयोग के गठन पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भी उक्त विद्यालयों में भर्तियां कराने के विकल्प पर मंथन करने को कहा। साथ ही इस संबंध में प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
शिक्षकों की पदोन्नति में उनके उल्लेखनीय कार्यों को भी महत्व देने पर चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को पदोन्नति में उनके अच्छे प्रदर्शन और कार्यों का फायदा मिलना चाहिए। शिक्षकों की पदोन्नति में ज्येष्ठता के साथ उनकी श्रेष्ठता के अंक भी रखे जाएं। इसे ध्यान में रखकर ज्येष्ठता के साथ ही श्रेष्ठता को भी पदोन्नति मानक में शामिल करने के निर्देश मंत्री ने दिए। इसीतरह अधिकारियों की डीपीसी को भी तेजी से पूरा करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि जिलों में शिक्षाधिकारियों के पद खाली है। मुख्य शिक्षा अधिकारी समेत अन्य पदों पर पदोन्नति होने से जिलों में विभागीय कामकाज की रफ्तार तेज हो सकेगी।
शिक्षा मंत्री ने ब्लाक रिसोर्स परसन (बीआरसी) व क्लस्टर रिसोर्स परसन (सीआरसी) के पदों पर प्रतिनियुक्ति से तैनाती जल्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगला शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले यह कार्य पूरा किया जाए। बीआरसी व सीआरसी की तैनाती में योग्य शिक्षकों को पारदर्शिता के साथ समान अवसर मिलना चाहिए। समय पर ये तैनाती होने से रिक्त होने वाले पदों को भरने की वैकल्पिक व्यवस्था को समय पर पूरा किया जा सकेगा। इससे विद्यालयों में पठन-पाठन पर असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंन राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही को कहा। साथ ही प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के सम्बन्ध में उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए। उच्च न्यायालय ने एनआइओएस डीएलएड प्रशिक्षितों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के शासन के फैसले को नहीं माना है। बैठक में बीती 18 जनवरी को विभागीय बैठक में मंत्री के निर्देशों पर अमल करने के निर्देश सचिव को दिए गए हैं।
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