Right To Information: आरटीआइ में 30 दिन के अंदर सूचना देने की बाध्यता नहीं, पढ़िए पूरी खबर
Right To Information लोक सूचनाधिकारियों के लिए राहतभरी खबर है। कोरोनाकाल को देखते हुए अगर वह 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने में समर्थ नहीं होते हैं तो उन पर किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। Right To Information तमाम विभागों के लोक सूचनाधिकारियों के लिए राहतभरी खबर है। कोरोनाकाल को देखते हुए अगर वह 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने में समर्थ नहीं होते हैं तो उन पर किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। एक अपील की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाईं ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए यह जानकारी दी।
राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाईं ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि लोक सूचनाधिकारियों को 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने से छूट प्रदान की जाती है। यह व्यवस्था वर्तमान में भी लागू है। आरटीआइ के जिन आवेदन की 30 दिन की अवधि लॉकडाउन लागू होने के दौरान पूरी हो रही थी, उन सभी में छूट का लाभ मिलेगा।
इसके बाद से लेकर अब तक दाखिल आवेदनों में भी यही नियम लागू रहेगा। उधर, मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि छूट का मतलब यह नहीं है कि इसे सूचना न देने का माध्यम बना लिया जाए। लोक सूचनाधिकारियों को चाहिए कि वह समय पर सूचना देने का प्रयास करें।
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अगर कोरोनाकाल की विकट परिस्थितियों के चलते विलंब हो रहा है तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, इस दफा आरटीआइ के आवेदन भी पहले की तुलना में बेहद कम दाखिल किए जा रहे हैं। इसी अनुपात में आयोग तक पहुंचने वाली अपीलों की संख्या भी कम है।
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