मधुमेह के बचाव के लिए सही खान-पान जरूरी, जानिए
एम्स ऋषिकेश निदेशक पद्श्री प्रोफेसर रवि कांत ने युवाओं से स्वास्थ रहने के लिए जीवन शैली में बदलाव का आह्वान किया।
ऋषिकेश, देहरादून। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यशाला के अंतिम दिन हृदय रोग व मधुमेह से जुड़े विशेषज्ञों ने इन रोगों के कारण, बचाव व निवारण पर जानकारी दी।
शनिवार को कार्यशाला के समापन पर एम्स निदेशक पद्श्री प्रोफेसर रवि कांत ने युवाओं से स्वास्थ रहने के लिए जीवन शैली में बदलाव का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में आबादी का एक बड़ा हिस्सा मधुमेह जैसी बीमारी से ग्रस्त है। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि नियमित दिनचर्या व सही खान-पान से ही हृदयाघात, लकवा जैसे रोगों से बचा जा सकता है। इस मौके पर डीन प्रो. सुरेखा किशोर ने नुक्कड़ नाटक व मधुमेह बचाव से जुड़े जागरूकता कार्यक्रमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में एनजीओ अहम भूमिका निभा सकते है।
कार्डिबिकान सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आशुतोष मिश्रा ने बताया कि कार्यशाला का आयोजन युवा चिकित्सकों व रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। बताया कि संस्था नियमित तौर पर मधुमेह व हृदय रोगों के प्रति जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है। एम्स जोधपुर के डॉ. रविंद्रा शुक्ला ने बताया कि शुगर की जांच के लिए अधिकतर लोग सुई का प्रयोग करते हैं जिससे उन्हें परेशानी होती है, बताया कि अब ऐसी मशीनें उपलब्ध है जिसकी मदद से कोई भी बिना शारीरिक कष्ट के दिन में कई दफा शुगर जांच कर सकता है।
डॉ.ज्योतिर्मय पाल ने बताया कि शुगर व कोलेस्ट्रॉल बढ़ने व कम चलने फिरने से 65 वर्ष व इससे अधिक उम्र के लोग हाईपर टेंशन से ग्रसित हो रहे हैं। इस अवसर पर सह समन्वयक व मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी धर, कार्यक्रम सचिव डॉ. मोनिका पठानिया, सह सचिव डॉ. मुकेश कुमार, प्रो. बीना रवि आदि मौजूद थे।
मेडिकल कॉलेज सैफई ने जीती क्विज प्रतियोगिता
कार्यशाला के तहत मधुमेह विषय पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिनमें राजकीय मेडिकल कॉलेज सैफई, एम्स ऋषिकेश, आदेश मेडिकल कॉलेज भटिंडा व महंत इन्दिरेश कॉलेज शामिल थे। क्विज में सैफई कॉलेज ने प्रथम व ऋषिकेश एम्स ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। कार्यशाला में 10 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मधुमेह और हृदय रोग विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। इनमें डॉ. शुभम जैन, डॉ. निशा, डॉ. किरन, डॉ. अगस्टिम, डॉ. शंकर, डॉ. दिव्यांशी, डॉ. संचय जैन आदि शामिल हैं।
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