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चावल घोटाले से लिया सबक, किसानों और आढ़तियों के साथ मिलों को ऑनलाइन भुगतान

खाद्य महकमा ई-खरीद सॉफ्टवेयर को बेहतर बनाएगा जिससे वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता रहे। किसानों आढ़तियों और राइस मिलों को भुगतान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

By Edited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 08:14 PM (IST)
चावल घोटाले से लिया सबक, किसानों और आढ़तियों के साथ मिलों को ऑनलाइन भुगतान
चावल घोटाले से लिया सबक, किसानों और आढ़तियों के साथ मिलों को ऑनलाइन भुगतान

देहरादून, राज्य ब्यूरो। चावल घोटाले से सबक लेकर खाद्य महकमा ई-खरीद सॉफ्टवेयर को बेहतर बनाएगा, जिससे वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता रहे। किसानों, आढ़तियों और राइस मिलों को भुगतान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। किसानों के पंजीकरण और उनके बैंक खातों समेत जरूरी डेटा महकमे के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। चावल घोटाले के स्पेशल ऑडिट में 220 करोड़ से ज्यादा के वित्तीय लेन-देन में विभिन्न स्तरों पर अनियमितता और प्रोक्योरमेंट नियमों पर सवाल खड़े किए गए हैं। 

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भविष्य में चावल घोटाले की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पर भरोसा किया जाएगा। वित्तीय लेन-देन को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट में किसानों को 75 फीसद भुगतान चेक के माध्यम से किए जाने की बात स्वीकार की गई है। उक्त मामला वर्ष 2016 का है। वर्ष 2018-19 से ई-खरीद सॉफ्टवेयर लागू किया जा चुका है। 
शुरुआती दौर में इस सॉफ्टवेयर के बीच-बीच में रुकने और डेटा गड़बड़ाने जैसी कुछ खामियां रहीं। इन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। इस बार गेहूं खरीद के दौरान किसानों को शत-प्रतिशत भुगतान उनके खातों में किया गया है। ऑनलाइन मैकेनिज्म को बेहतर बनाया जा रहा है, जिससे सभी स्तर पर वित्तीय लेन-देन किया जा सके। इससे महकमे के कामकाज में भी पारदर्शिता आएगी। खाद्य महकमे के पोर्टल पर किसान अब घर बैठे पंजीकरण कर सकता है। 
खाद्य महकमे के पोर्टल पर पंजीकृत किसानों का मिलान अब प्रधानमंत्री किसान निधि के आंकड़े से किया जाएगा। किसान निधि का डेटा मिलने से खाद्य महकमा किसानों के बारे में अपना डेटा दुरुस्त कर सकेगा। खाद्य सचिव ने यह भी कहा कि स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट पर संभागीय खाद्य नियंत्रक के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। महकमे का पक्ष सामने आने के बाद कमियों को लेकर स्थिति और स्पष्ट होगी। इसके मुताबिक ई-खरीद सॉफ्टवेयर की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।

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