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किसानों को भंडारित उपज पर भी बैंक ऋण

भंडारण निगम के गोदामों में कृषि उपज का न सिर्फ सुरक्षित भंडारण होगा बल्कि किसानों को भंडारित उपज के कुल मूल्य की 90 प्रतिशत धनराशि का ऋण भी बैंक से उपलब्ध हो सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:54 PM (IST)
किसानों को भंडारित उपज पर भी बैंक ऋण
किसानों को भंडारित उपज पर भी बैंक ऋण

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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भंडारण निगम के गोदामों में कृषि उपज का न सिर्फ सुरक्षित भंडारण होगा, बल्कि किसानों को भंडारित उपज के कुल मूल्य की 90 प्रतिशत धनराशि का ऋण भी बैंक से उपलब्ध हो सकेगा। भंडारित उपज को उचित बाजार मूल्य पर बेचकर किसान इस ऋण की अदायगी कर सकेंगे। सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में हुई राज्य भंडारण निगम के शासी निकाय की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस मौके पर यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश में अनाज भंडारण के लिए श्रीनगर, कोटद्वार, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, खटीमा, गदरपुर, अल्मोड़ा, रामनगर व काशीपुर में नए गोदाम बनाए जाएंगे।

सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.रावत ने बैठक के बाद बताया कि वर्तमान में राज्य में भंडारण निगम के 14 भंडारण गृह (गोदाम) हैं, जिनकी भंडारण क्षमता 1.31 लाख मीट्रिक टन है। निकट भविष्य में भंडारण क्षमता 1.79 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य है। इसके लिए पुराने गोदामों का आधुनिकीकरण करने के साथ ही आवश्यकतानुसार नए गोदामों का निर्माण कराया जाएगा। 10 शहरों में ये गोदाम प्रस्तावित हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि देश के जिन चार राज्यों में भंडारण निगमों द्वारा बेहतरीन कार्य किया जा रहा है, उनकी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए निदेशकों व प्रबंध निदेशक की टीम को वहा भ्रमण पर भेजा जाएगा।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2017-18 की बैलेंस सीट का कैग से ऑडिट कराकर इसे संचालक मंडल की अगली बैठक में प्रस्तुत करने के लिए प्रबंध निदेशक को निर्देशित किया गया। साथ ही भंडारण निगम में रिक्त पदों को सहकारिता सेवा मंडल के जरिये सीधी भर्ती से भरने और नियुक्तया होने तक आवश्यक पदों को आउटसोर्स से भरने का निर्णय लिया गया।

इस दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित 23.32 करोड़ का बजट अनुमोदित किया गया। यह भी जानकारी दी गई कि वर्ष 2018-19 में निगम ने 5.49 करोड़ का लाभ हासिल किया। वर्ष 2019-20 के आय-व्यय का ऑडिट चल रहा है। बैठक में अपर सचिव सहकारिता धीरेंद्र सिंह दताल, अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी, अपर सचिव औद्योगिक विकास विभाग उमेश नारायण पाडेय, संयुक्त निदेशक नियोजन दिनेश वर्मा, उप महाप्रबंधक स्टेट बैंक बीएल सैनी मौजूद थे। संचालन निगम के प्रबंध निदेशक मान सिंह सैनी ने किया।


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