संवाद सहयोगी, तपोवन (चमोली): आपदा में तबाह हुए विष्णुगाड परियोजना के बैराज से भी मलबा हटाने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए जिस सुरंग में रेस्क्यू चल रहा है, उस ओर से लगभग 200 मीटर वैकल्पिक मार्ग बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जबकि, बैराज के पास से धौली गंगा की धारा को भी नीचे की ओर मोड़ा जा रहा है। बैराज स्थल पर अभी दलदल है। ऐसे में मिट्टी सूखने के बाद ही रेस्क्यू शुरू किया जा सकेगा। वहीं प्रशासन का कहना है कि बैराज तक रास्ता बनाने में एक सप्ताह का समय लग जाएगा।
ऋषिगंगा में आए सैलाब से तपोवन बैराज की मुख्य सुरंग में लाखों टन मलबा घुस गया था, जबकि बैराज में काम करने वाले सैकड़ों मजदूर भी यहां मलबे में दब गए थे। हालांकि आपदा को सात दिन बीत जाने के बावजूद यहां से अभी तक मलबा हटाने का काम शुरू नहीं किया जा सका है। इसे लेकर लापता व्यक्तियों के स्वजन भी आक्रोश जता रहे हैं। शनिवार को स्वजनों और स्थानीय निवासियों की मांग पर प्रशासन ने जिस सुरंग में रेस्क्यू किया जा रहा है, उससे सटी पहाड़ी से होते हुए बैराज तक अप्रोच रोड बनाने का काम शुरू कर दिया। 200 मीटर चौड़ी इस अप्रोच रोड को बनाने के लिए तीन जेसीबी मशीनें काम में लगी हैं।
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जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि बैराज के ठीक सामने धौलीगंगा का रुख मोडऩे के लिए मलबा डाला जा रहा है ताकि धौलीगंगा का पानी बैराज में न आ सके। बताया कि बैराज के आसपास दलदल बना हुआ है। यहां तीन दिन पहले सेना के जवान रेस्क्यू के लिए उतरे थे, लेकिन वह मिट्टी में धसने लगे थे। ऐसे में वहां जाना मुमकिन नहीं है। डीएम ने कहा कि पानी का बहाव रुकने के बाद मिट्टी सूखने का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद ही रेस्क्यू शुरू किया जा सकता है। बताया कि यहां दो मशीनें मलबा डालकर नदी का रास्ता दूसरी ओर मोड़ रही हैं। इसी स्थान पर बैराज में बड़ी संख्या में काम कर रहे मजदूरों के दबे होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
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