स्वामी चिदानंद बोले, भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध होंगे मजबूत
स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि बाली और इंडोनेशिया के लोगों का भारत सहयोग करेगा और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती प्रदान करेगा।
ऋषिकेश, जेएनएन। इंडोनेशिया बाली से आए एक प्रतिनिधिमंडल ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर गंगा आरती में सहभाग किया। इस दौरान स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में आश्रम परिसर में पद्मासन (कमल मुद्रा) प्रतीक की स्थापना की गई।
परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम में इंडोनेशिया बाली से आए उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने यहां गंगा आरती के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रतिभाग किया। इस दौरान अपनी परंपरा को जीवंत बनाए रखने के लिए इन कलाकारों ने मनमोहक नृत्य एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व आश्रम गांधी पुरी बाली इंडोनेशिया के संस्थापक अध्यक्ष इंद्र उदयन ने किया।
परमार्थ घाट पर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने रुद्राक्ष की माला और अंग वस्त्र के साथ रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर सभी अतिथियों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया। इंडोनेशिया बाली से आए प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने यहां एक पवित्र पद्मासन (कमल मुद्रा) की स्थापना की। प्रतिनिधि मंडल के मुखिया ने बताया कि बाली में कमल मुद्रा की तरह एक सुंदर मंदिर है। जहां भगवान उच्च आसन पर विराजमान है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि पद्मासन परमार्थ निकेतन के परिसर में स्थित होगा। यहां न केवल बाली और इंडोनेशिया के लोगों का भारत सहयोग करेगा बल्कि दोनों देशों के बीच 70 वर्षों से अधिक पुराने संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा यह उत्कृष्ट पहल दोनों राष्ट्रों के मध्य सांस्कृतिक और एकता के संबंधों को भी स्थापित करेगी। प्रतिनिधिमंडल के मुखिया इंद्र उदयन ने कहा कि बाली इंडोनेशिया के लोग गंगा के तट पर आना पसंद करते हैं। पद्मासन बाली का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। पद्मासन का मुख्य कार्य सर्वशक्तिमान ईश्वर की पूजा करने का स्थान है।
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