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प्रदूषण जांच में अवैध वसूली की तो निरस्त होगा पंजीकरण, पढ़िए पूरी खबर

आजकल सबसे ज्यादा भीड़ प्रदूषण जांच केंद्रों पर है। इसका फायदा केंद्र संचालक जमकर उठा रहे। चालकों से अवैध वसूली कर रहे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 11:45 AM (IST)
प्रदूषण जांच में अवैध वसूली की तो निरस्त होगा पंजीकरण, पढ़िए पूरी खबर
प्रदूषण जांच में अवैध वसूली की तो निरस्त होगा पंजीकरण, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। नया मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद आजकल सबसे ज्यादा भीड़ प्रदूषण जांच केंद्रों पर है। इसका फायदा केंद्र संचालक जमकर उठा रहे। चालकों से अवैध वसूली कर रहे। शहर के अधिकांश ज्यादातर जांच केंद्रों पर यही स्थिति है और 100 रुपये के बजाए 150 से 200 रुपये शुल्क लिया जा रहा है। सोमवार को ऐसी शिकायत मिलने पर एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि सभी केंद्र संचालकों के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। अगर कहीं अवैध वसूली पाई गई तो जांच सेंटर का पंजीकरण निरस्त कर ऑनलाइन ब्लॉक कर दिया जाएगा। इन जांच केंद्रों की गोपनीय जांच भी कराई जा रही है। 

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दरअसल, एक सितंबर से नया मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद सभी वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र अनिवार्य हो गया है। पहले प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र न होने पर एक हजार रुपये जुर्माना लगता था, जो नए अधिनियम में दस गुना बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दिया गया है। बीमा न होने पर पहले एक हजार रुपये जुर्माना था, जिसे दोगुना कर दो हजार रुपये किया गया है। अमूमन लोग, पुराने दुपहिया का न तो बीमा कराते हैं, न ही प्रदूषण जांच कराने में रूचि लेते हैं। ऐसे लोगों की चिंता अब बढ़ गई है। भले अभी उत्तराखंड में नया जुर्माना लागू नहीं हुआ है लेकिन लोग तगड़े जुर्माने से बचने के लिए अब बीमा व प्रदूषण जांच कराने लगे हैं। चूंकि, शहर में जांच केंद्र की संख्या सीमित है, लिहाजा इन केंद्रों पर इन दिनों भीड़ जुट रही। सरकार ने प्रदूषण जांच के लिए 100 रुपये शुल्क तय किया हुआ है लेकिन आरोप है कि संचालक की ओर से वाहनों से 150 से 200 रुपये तक शुल्क लिया जा रहा है।

दो वाहन सीज, 25 चालान

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों ने सोमवार को भी शहर में चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान बिना कागज दौड़ रही एक बाइक व एक डिलीवरी वैन सीज की गई जबकि नियम तोडऩे पर 25 वाहनों के चालान किए गए। एआरटीओ ने बताया कि अभी केवल नियम तोड़ रहे वाहन चालकों के विरुद्ध ही कार्रवाई चल रही है। कागज चेकिंग के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जा रहा। 

सूबे में नहीं दिख रहा एमवी  एक्ट के भारी जुर्माने का डर

मोटर वाहन अधिनियम के भारी जुर्माने का डर बिल्कुल भी नहीं है। हालांकि जुर्माने की संशोधित दरें अभी राज्य में लागू नहीं हुई हैं, लेकिन यातायात निदेशालय के निर्देश पर चलाए गए पंद्रह दिन के अभियान में 6782 चालान किए गए और 350 कार व दोपहिया वाहन सीज कर दिए गए।

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यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि बीते एक सितंबर से लेकर पंद्रह सितंबर के मध्य राज्य के सभी जिलों में गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करने और ट्रिपल राइडिंग करने के खिलाफ अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान कार्रवाई करने के साथ लोगों को जागरूक भी किया गया। उन्हें यातायात नियमों का पालन करने और सरकार द्वारा लागू किए गए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माने की बढ़ी दरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिकांश चालान कोर्ट के किए गए हैं। कार चलाते समय फोन पर बात करने में 644 चालान किए गए और 32 सीज किए गए, जबकि 1312 दो पहिया वाहनों का चालान करते हुए 136 सीज किए गए। वहीं, दो पहिया वाहनों पर ट्रिपल राइडिंग में 4826 चालान किए गए और 182 वाहन सीज किए गए। उन्होंने बताया कि यातायात नियमों को लेकर अभियान जारी रहेगा। 

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