उत्तराखंड: रोडवेज कार्मिकों से होगी 100 करोड़ की रिकवरी, यहां समझिए पूरा मामला
ऑडिट टीम की रिपोर्ट में पिछले सात साल में दफ्तर के साथ ही कार्यशाला के तकरीबन 1300 कार्मिकों को गलत वेतन और एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन देने से रोडवेज को तकरीबन 100 करोड़ रुपये की चपत लगना बताया गया है।
देहरादून, जेएनएन। रोडवेज यूं ही करोड़ों के घाटे में नहीं चल रहा। इसे तो खुद इसका प्रबंधन और कर्मचारी घाटे की तरफ खींच ले गए। इसका खुलासा शासन की ओर से कराए स्पेशल ऑडिट में हुआ। पिछले तीन माह से ऑडिट टीम रोडवेज के सभी दफ्तरों में डेरा डाले हुए थी और वेतन और एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन (एसीपी) की बारीकी से जांच पड़ताल की। ऑडिट टीम की रिपोर्ट में पिछले सात साल में दफ्तर व कार्यशाला के तकरीबन 1300 कार्मिकों को गलत वेतन और एसीपी देने से रोडवेज को तकरीबन 100 करोड़ रुपये की चपत लगना बताया गया है।
ऑडिट के दौरान ही घपला सामने आने पर रोडवेज मुख्यालय द्वारा 15 अधिकारियों और कार्यशाला के 400 कार्मिकों से रिकवरी के आदेश पिछले माह जारी कर दिए गए थे। विभिन्न प्रशासनिक और डिपो दफ्तर के शेष 900 कार्मिकों से रिकवरी के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यालय के मुताबिक कुल रिकवरी 100 करोड़ रुपये के आसपास बैठ रही। ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को रोडवेज मुख्यालय द्वारा सभी 1300 कार्मिकों का गलत एसीपी के चलते हो रहे लाभ को हटाकर पुराने वेतन पर भेजने के आदेश दिए गए हैं। वेतन कम होने और रिकवरी को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों तक में हड़कंप मचा हुआ है।
रिकवरी हुई तो लंबित नहीं रहेगा वेतन
अगर रोडवेज प्रबंधन इस घाटे के 100 करोड़ की पूरी रिकवरी कर लेता है तो उस पर किसी माह का वेतन लंबित नहीं रहेगा। इस वक्त प्रबंधन पर जुलाई से अक्टूबर तक चार माह का वेतन लंबित है। पहले वेतन का मासिक खर्च 22 करोड़ रुपये होता था, जो अधिकारियों एवं कार्यशाला कर्मियों को मिल रहे गलत एसीपी के फायदे को हटाने के बाद साढ़े 20 करोड़ रुपये रह गया था। अब बाकी 900 कर्मियों की गलत एसीपी हटाने पर यह खर्च करीब दो करोड़ घटकर साढ़े 18 करोड़ रह जाएगा। यानी, रिकवरी होने पर रोडवेज न सिर्फ चार माह का वेतन देने में सक्षम हो जाएगा, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मियों के लंबित देय का पूरा भुगतान भी किया जा सकता है।
बड़े अधिकारियों पर 18 से 20 लाख तक की रिकवरी
गलत वेतन व एसीपी के चलते हुए घाटे में मुख्यालय के बड़े अधिकारियों पर 18 से 20 लाख रुपये तक की रिकवरी सामने आ रही है। मुख्यालय के डीजीएम स्तर के कई अधिकारी इसकी जद में आ रहे। यही नहीं आरएम और डिपो के एजीएम भी रिकवरी के दायरे में आ रहे।
31 दिसंबर तक मांगी रिपोर्ट
रोडवेज मुख्यालय ने सभी डिपो और प्रशासनिक दफ्तर से 31 दिसंबर तक सभी कार्मिकों के वेतन का रिकार्ड तलब किया है। इसके बाद जनवरी से संशोधित वेतन के आधार पर वेतन देने व रिकवरी के लिए कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए रोडवेज के वित्त नियंत्रक विक्रम सिंह जंतवाल ने सभी डिपो में तीन सदस्यीय जांच टीम को गठित करने के आदेश दिए हैं।
रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट में पिछले सात साल में गलत एसीपी का लाभ देने की वजह से न केवल मुख्यालय बल्कि प्रशासनिक दफ्तरों व डिपो कार्यालयों में एक हजार से अधिक कार्मिकों को बढ़ा हुआ वेतन देने की बात सामने आई है। निश्चित ही यह गंभीर बात है और इससे रोडवेज को करोड़ों रुपये की चपत लगी है। अब सभी की गलत एसीपी हटा दी गई है और रिकवरी के आदेश दिए गए हैं। कुल रिकवरी 80 से 100 करोड़ के आसपास बैठ सकती है।