हवाई कंपनी से करार तोड़ने पर हो पुनर्विचार: हरीश
पूर्व सीएम हरीश रावत ने सस्ती हवाई सेवाओं के लिए हवाई सेवा कंपनी से करार तोड़ने को दुखद करार दिया है। ऐसा कर सरकार ने लोगों को हवाई सेवा से वंचित करने का षड्यंत्र किया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सस्ती हवाई सेवाओं के लिए हवाई सेवा कंपनी से करार तोड़ने को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दुखद करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कर सरकार ने गढ़वाल व कुमाऊं के सीमांत जिलों के लोगों को हवाई सेवा से वंचित करने का षड्यंत्र किया है। यदि इसमें घोटाला था तो सरकार सिद्ध करे। यह कदम राजनीतिक कारणों से उठाया गया। दुर्भाग्यपूर्ण यह कि मुख्य सचिव से ठेका रद करने की बात कहलाई जा रही है। भाजपा ने चुनाव में जिन कंपनियों की हेलीकॉप्टर सेवा का उपभोग किया, उन्हें धन्यवाद देने के तौर पर यह टेंडर निरस्त किया गया है।
बुधवार को बीजापुर राज्य अतिथिगृह में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार का हवाई सेवा कंपनी से करार रद करना सरकार के हित में नहीं है। सरकार ने बिना किसी बैकअप प्लान के गढ़वाल व कुमाऊं आदि क्षेत्रों को हवाई सेवा से वंचित किया है। उन्होंने खुद इस बात की पैरवी की थी कि जो हवाई कंपनी हर जिले में हवाई सेवा उपलब्ध कराएगी उसे टेंडर दिया जाए।
इसी शर्त पर टेंडर हुए और अनुबंध भी हुआ। उद्घाटन के बाद ट्रायल के तौर पर हवाई सेवा दी गई। अच्छा होता कि सरकार उसी कंपनी को काम देती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में पुनर्विचार करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं करते तो निश्चित समय बताएं कि कब तक हवाई सेवा शुरू की जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से लोगों को हवाई सेवा से वंचित नहीं किया जा सकता।
शराब ठेकों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन के दौरान सुनियोजित तरीके से सिंडीकेट को ठेके दिए गए। प्रदेश की महिलाशक्ति का धन्यवाद जो शराबबंदी चाहती है। यदि सरकार ऐसा करती है तो हम उन्हें सहयोग करेंगे। स्टेट हाइवे को जिला हाइवे के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब चुनौती इनके रखरखाव की है।
कांग्रेस सरकार पर प्रदेश का खजाना खाली करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि उनके सीएम रहते हुए कभी कोई चेक बाउंस नहीं हुआ। कर्मचारियों को तनख्वाह मिली। न्यूनतम कर्ज उनके कार्यकाल में हुआ।
कोर्ट जाने की बात को खारिज किया
स्टेट हाइवे को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की ओर से कोर्ट में जाने की बात पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विचार कुछ अलग हैं। उन्होंने कहा कि नेता के लिए सबसे बड़ी अदालत जनता की है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है तो इस बात पर मंथन किया जाएगा।
बीजापुर किया खाली अब मसूरी रोड नया ठिकाना
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर स्थित राज्य अतिथिगृह को खाली कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज उनका यहां आखिरी दिन है। जानकारों ने बताया कि अब मुख्यमंत्री ओल्ड मसूरी रोड स्थित एक आवास में रहेंगे।
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