कांग्रेस के जहाज को डुबोने के बजाए वानप्रस्थ जाएं हरीश रावत
बागियों ने नसीहत के तौर पर टिप्पणी की कि कांग्रेस के जहाज को डुबोने के बजाए बेहतर होगा कि हरीश रावत वानप्रस्थ आश्रम चले जाएं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने घर वापसी को लेकर बागियों को जो राह सुझाई है, कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले और अब उनके धुर विरोधी इससे इत्तेफाक नहीं रखते। कांग्रेस में वापसी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जिस जहाज में हरीश रावत और राहुल गांधी ने छेद कर दिए, उसमें कौन जाएगा। यही नहीं हरीश रावत को लेकर उनमें तल्खी कम नहीं हुई है। नसीहत के तौर पर उन्होंने टिप्पणी की कि कांग्रेस के जहाज को डुबोने के बजाए बेहतर होगा कि हरीश रावत वानप्रस्थ आश्रम चले जाएं।
प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की भावी सियासी लड़ाई रोचक होने जा रही है। बागियों की घर वापसी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की टिप्पणी के बाद प्रदेश में कांग्रेस के भीतर से लेकर कांग्रेस छोड़कर जाने वाले सियासतदां के तेवर फिलहाल यही संकेत दे रहे हैं। चुनाव से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके नेताओं के बीच एक बार फिर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और दांव-पेच तेज हो सकती है।
करीब चार साल की अवधि गुजरने के बावजूद दोनों खेमों के बीच पुरानी अदावट कम नहीं हो सकी है। प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार को झटका दे चुके काबीना मंत्रियों सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल ने हरीश रावत को निशाने पर लिया ही, साथ में कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज भी करार दिया। हरीश रावत भी उनके बयान पर मिल रही प्रतिक्रियाओं का उसी अंदाज में जवाब देने से नहीं चूके रहे हैं।
सतपाल महाराज (काबीना मंत्री उत्तराखंड सरकार) का कहना है कि कांग्रेस छोड़ने वालों की वापसी को लेकर हरीश रावत मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं, 2013 में आपदा से पहले ही आशंकाएं जताई जा रही थीं, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री रहते हुए उन्होंने चौराबाड़ी ग्लेशियर को लेकर जरूरी कदम नहीं उठाए, कांग्रेस से बड़े और डायनेमिक नेता जा रहे हैं, शीर्ष नेतृत्व उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहा है, भाजपा हमारा घर है।
- सुबोध उनियाल (काबीना मंत्री उत्तराखंड सरकार) का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस के जहाज में हरीश रावत ने छेद किए, राष्ट्रीय स्तर पर राहुल गांधी के नेतृत्व में छेद हो चुके हैं, ऐसे डूबते जहाज में कौन जाना चाहेगा, हरीश रावत को जहाज को डुबाने के बजाय वानप्रस्थ आश्रम में चले जाना चाहिए, विश्वसनीयता की बात करने से पहले उन्हें यह भी बताना चाहिए कि एनडी तिवारी और फिर विजय बहुगुणा की सरकारों को गिराने में क्यों जुटे रहे, कांग्रेस के ही प्रत्याशियों को हराने और निर्दलीयों को जिताने में ताकत क्यों लगाई।
- डॉ हरक सिंह रावत (काबीना मंत्री उत्तराखंड सरकार) का कहना है कि कांग्रेस डूबता जहाज है, समझदार लोग कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं, उन्हें किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए, प्रदेश में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति के लिए उन्हें आत्म चिंतन करना चाहिए, वह जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप अच्छी सरकार जनता को नहीं दे पाए, हरीश रावत को अपनी करनी के लिए उत्तराखंड की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
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- हरीश रावत (पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव) का कहना है कि दल-बदलू पहलवानों को लेकर छोटी सी टिप्पणी ने बड़ी हलचल मचा दी, अभी और बयानों का इंतजार कर रहा हूं, यूं धुआं देखकर आग खोज लेने वालों के लिए इस प्रकरण में काफी संभावनाएं हैं, इस विषय पर कुछ और आगे कहूंगा।
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