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Article 370: उत्तराखंड में जश्न का माहौल, सीएम और बाबा रामदेव समेत कश्मीरियों ने कही ये बड़ी बात

केंद्र सरकार के बड़े फैसले को लेकर उत्तराखंड में भी जश्न का माहौल है। जगह-जगह आतिशबाजी कर मिठाई बांटी जा रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 09:05 PM (IST)
Article 370: उत्तराखंड में जश्न का माहौल, सीएम और बाबा रामदेव समेत कश्मीरियों ने कही ये बड़ी बात
Article 370: उत्तराखंड में जश्न का माहौल, सीएम और बाबा रामदेव समेत कश्मीरियों ने कही ये बड़ी बात

देहरादून, जेएनएन। जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार के बड़े फैसले को लेकर उत्तराखंड में भी जश्न का माहौल है। अनुच्छेद 370 हटाने के संकल्प पेश करने के बाद से ही भाजपा कार्यकर्ता, आम जन और कश्मीरियों में खुशी की  लहर दौड़ पड़ी है। जगह-जगह दीवाली जैसा माहौल नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के मामले में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे। इससे यहां विकास के नए आयाम भी स्थापित होंगे। योगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश की भावना और विश्वास को बल दिया है। यह देश को मजबूती प्रदान करने वाला मोदी सरकार का साहसिक कदम है। वहीं, इस फैसले के बाद दून में भी अलर्ट जारी किया गया है। प्रमुख चौक चौराहों पर फोर्स बढ़ाई गई है। साथ ही कश्मीरी छात्रों नजर रखी जा रही है। एसपी सिटी श्वेता चौबे को प्रेमनगर क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, सभी सीओ और थानेदारों को अपने अपने क्षेत्र में रहने के दिए निर्देश। 

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केंद्र सरकार इस बड़े फैसले की जमकर तारीफें हो रही हैं। ऋषिकेश, हरिद्वार देहरादून, उत्तरकाशी समेत अन्य क्षेत्रों में भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर निकल आए और जगह-जगह आतिशबाजी कर खुशी मनाई। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा यह एतिहासिक निर्णय और ठोस कदम है। भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस फैसले से देश को एक सूत्र में पिरो दिया है। आम जनता की आशाओं को उन्होंने अमलीजामा पहनाकर अपने वादे को पूरा कर दृढता का संदेश पूरी दुनिया को दिया है।

सीएम ने कहा, इसके दूरगामी परिणाम होंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के मामले में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे। इससे यहां विकास के नए आयाम भी स्थापित होंगे। कश्मीर के लिए प्रदेश के सेना व अद्र्धसैनिक बलों के जवानों ने बड़ा बलिदान दिया है, उस भूमि पर उनका हक स्थापित हुआ है।

सोमवार को सचिवालय परिसर में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव से देश व जम्मू-कश्मीर के बीच दूरियां मिटेंगी। यहां विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। यहां के नागरिक देश की मुख्यधारा में शामिल होंगे। सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी। देश के अन्य राज्यों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का बेहतर तालमेल बनेगा, व्यापार होगा और इससे निश्चित तौर पर तरक्की मिलेगी। आज वास्तव में पूरा देश एक हुआ है। पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से किए आने वायदे को निभाया है। इस ऐतिहासिक फैसले से देश की सीमाओं के साथ ही सीमांत क्षेत्र के नागरिकों की भी सुरक्षा होगी।

संत समाज ने किया फैसले का स्वागत

वहीं, जम्मू-कश्मीर पर सरकार के साहसिक फैसले का संत समाज ने भी स्वागत किया है। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि देश का हर आदमी, बच्चा-बच्चा काफी समय से इसकी मांग कर रहा था मोदी सरकार ने यह कदम उठाकर देश की भावना और विश्वास को बल दिया है यह देश को मजबूती प्रदान करने वाला मोदी सरकार का साहसिक कदम है। अचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि यह देश के हित में उठाया गया कदम है। इससे सैन्य बलों का मनोबल बढ़ेगा।  

महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि यह कदम देश के दुश्मनों के लिए संदेश है कि वो भारत को गलत नजरों से देखना बंद कर दें, नहीं तो उनका समूल नाश हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से ऐसे ही साहसिक  कदमों की उम्मीद थी। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने सरकार के इस कदम को सही समय पर उठाया गया फैसला बताया। उनका कहना है कि इससे भारत के अंदर रह रहे देश विरोधी तत्वों को कड़ा संदेश गया है। 

कश्मीरियों के जख्मों को मरहम लगा रहे मोदी 

केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कश्मीरियों में भी जबरदस्त उत्साह है। सन 1947 में जम्मू-कश्मीर मुजफ्फराबाद वर्तमान में पाकिस्तान से देहरादून के डोईवाला में बसे कश्मीरियों ने इस फैसले की सराहना की है। 90 वर्षीय सीतादेवी भसीन और 80 वर्षीय उनके भाई गिरधारी लाल साहनी का कहना है कि 1947 के गदर में उनके पिता स्वर्गीय ईश्वर दास साहनी को अपने कपड़े का कारोबार छोड़कर परिवार के साथ जान बचाने को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था। तब वह छोटे थे। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर का वह क्षेत्र अब पाकिस्तान के कब्जे में है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीरियों के जख्मों पर मरहम लगाने वाला फैसला किया है।

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