Move to Jagran APP

130 करोड़ लोगों में 2000 की आमदनी ही कैसे करोड़ पार: रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों में महज 2000 ही ऐसे हैं जिनकी सालाना आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 08:50 PM (IST)
130 करोड़ लोगों में 2000 की आमदनी ही कैसे करोड़ पार: रविशंकर प्रसाद
130 करोड़ लोगों में 2000 की आमदनी ही कैसे करोड़ पार: रविशंकर प्रसाद

देहरादून, जेएनएन। देहरादून में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल की सर्किट बेंच का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश के लोगों से अपील की कि वह ईमानदारी से अपना टैक्स जमा करें। देश के विकास के लिए उन्होंने कर जमा करने की प्रवृत्ति में सुधार करने को जरूरी बताया। उन्होंने अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों में महज 2000 ही ऐसे हैं, जिनकी सालाना आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक है। वहीं, सालाना 10 लाख रुपये से अधिक कमाने वाले महज 50 लाख लोग हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि देश में ईमानदारी के साथ टैक्स जमा नहीं किया जा रहा है। क्योंकि पिछले चार साल में दो करोड़ लोगों ने विदेश भ्रमण किया। 2.5 करोड़ लोग ऐसे रहे, जिन्होंने वाहन खरीदे। 

loksabha election banner

अपीलेट ट्रिब्यूनल की सर्किट बैंच के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने विकास के दृष्टिकोण पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीति में इस बात की चिंता हो रही है कि रोटी कैसे बांटी जाए। इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा कि रोटी की संख्या कैसे बढ़ाई जाए।

करदाताओं की बढ़ोत्तरी के अनुरूप नहीं बढ़ा कर

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2015-15 में आयकर का ग्राफ 7.41 लाख करोड़ रुपये था, जो 2017-18 में 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। यह बढ़ोत्तरी करीब 35 फीसद रही। वहीं, करदाताओं की संख्या 5.2 करोड़ से बढ़कर 8.45 करोड़ को पार कर गई। इस तरह यह इजाफा कहीं अधिक 62.49 फीसद था। बेशक हर इजाफे को बेहतर माना जा सकता है, मगर जितनी आमदनी देश के लोगों की है, उसके अनुसार कर नहीं मिल पा रहा। इस बात से राहत जरूर मिलती है कि वर्ष 2014 में हमारी अर्थव्यवस्था का स्थान विश्व में 11वां था और आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। विदेशी निवेश बढऩे से नए दरवाजे खुले हैं और सर्वाधिक निवेश टेलीकॉम व आइटी सेक्टर में दर्ज किया गया।

31 अक्टूबर के बाद प्रत्यक्ष नोटिस आए तो फाड़ कर फेंक दें

केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि 31 अक्टूबर के बाद कोई भी आयकर अधिकारी आयकरदाता को कागजी नोटिस नहीं भेज सकेगा। इसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नोटिस भेजे जाएंगे और इसी माध्यम से जवाब प्राप्त किए जाएंगे। आयकरदाताओं को इंस्पेक्टरराज से बचाने के लिए यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। कानून मंत्री होने के नाते यह बात कह रहा हूं कि तय समय के बाद ऐसे नोटिस आएं तो उसे तत्काल फाड़ कर फेंक दें।

31 मार्च तक मूल टैक्स जमा करें, ब्याज और पेनाल्टी भूल जाएं

आयकरदाताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार विवाद से विश्वास तक योजना लेकर आई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिन भी आयकरदाताओं के कर संबंधी वाद कहीं पर भी चल रहे हैं, वह उसका 31 मार्च तक निपटारा करा सकते हैं। इस योजना के तहत उन्हें सिर्फ मूल कर अदा करना होगा।

तीन आयुक्त मिलकर तय करेंगे आपराधिक कार्रवाई

किसी आयकरदाता के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर करने का अधिकार अकेले किसी आयुक्त के अधिकार में नहीं होगा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर ने कहा कि अभी तक कोई भी आयुक्त आपराधिक मुकदमा कायम करने का आदेश जारी कर सकते थे। आयकर देने वालों को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए यह व्यवस्था की गई है कि तीन आयुक्तों को बेंच मिलकर यह निर्णय करेगी।

दून में उत्तराखंड की सर्किट बेंच शुरू

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल की सर्किट बेंच का विधिवत उद्घाटन कर दिया। यह बेंच उत्तराखंड के आयकर संबंधी अपील के मामले सुनेगी।

आइएसबीटी के पास स्थित एक होटल में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर ने कहा कि देश में जहां भी जरूरत पड़ रही है, वहां इस तरह की बेंच खोली जा रही है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड उन्हें सबसे अधिक पसंद है। यह देवभूमि है और इसका आशीष पूरे देश को प्राप्त हो रहा है।

यह भी पढ़ें: पदोन्नति में आरक्षण पर उचित समय पर निर्णय होगा : डॉ. गहलोत

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सर्किट बेंच का तोहफा देने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, दिल्ली जोन के अपीलेट ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष पीपी भट्ट, उपाध्यक्ष जीएस पन्नू समेत आयकर अधिवक्ता संगठनों के प्रतिनिधि, सीए संगठनों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें: दिल्ली हिंसा पर बोले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सीएए पर पीछे नहीं हटेगी सरकार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.