Raksha Bandhan: बहनों को भाया राखी का आनलाइन बाजार, कई आफर के साथ मिल रहीं राखियां
रक्षा बंधन पर बहनों को राखी का आनलाइन बाजार काफी भा रहा है। यहां उन्हें अलग-अलग आफर के साथ राखियां उपलब्ध कराई जा रही हैं जिनकी जमकर खरीददारी भी हो रही है। तरह-तरह की डिजाइन वाली राखियां भी आनलाइन बाजार में उपलब्ध हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कल यानी रविवार को भाई-बहन के बीच प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा, जिसे लेकर बाजार भी पूरी तरह से सज चुके हैं। ग्राहकों को लुभाने के लिए बाजार में कई तरह की आकर्षक राखियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें आनलाइन बाजार भी कहां पीछे रहने वाला है। आनलाइन बाजार में भी विभिन्न आफर के साथ राखियां उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिनकी जमकर खरीदारी भी हो रही है।
जो भाई-बहन एक-दूसरे से दूर रहते हैं और किन्हीं कारणों वश रक्षाबंधन पर नहीं मिल पा रहे हैं, वह आनलाइन बाजार से ही राखियों की खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं। विभिन्न आनलाइन कंपनियां भी ग्राहकों की पसंद को समझते हुए कई उपहारों के साथ राखियां उपलब्ध करा रही हैं। इनमें फोटो वाली राखियों के साथ ही बड़ा भाई, छोटा भाई, प्यारा भाई, दिलदार और पबजी वाला भाई आदि की खूब मांग है।
मिन्त्रा, फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि आनलाइन कंपनियां राखियों पर विशेष छूट के साथ ही कोम्बो पैक में विभिन्न चाकलेट, ड्राइफ्रूट, तिलक, पर्स, डियो के साथ राखी उपलब्ध करा रही हैं। फ्लिपकार्ट तो भाई के नाम और उनकी तस्वीर वाली राखियां आर्डर पर बना रहा है। इसके अलावा कोरोना के प्रति जागरूकता का मैसेज देने वाली राखियों की भी खूब बिक्री हो रही है।
स्पेशल कोरोना राखी किट
रक्षाबंधन पर भाई-बहन एक-दूसरे को उपहार देते हैं। जिसे देखते हुए आनलाइन कंपनियों ने उपहार के तौर पर स्पेशल कोरोना राखी किट तैयार की है। इस किट में राखी, सेनिटाइजर और मास्क के साथ कोरोना के प्रति जागरूक करने वाला कार्ड भी शामिल है।
जानिए राखी का शुभ मुहूर्त
भाई- बहन के बीच प्रेम के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। अच्छी बात यह है कि इस बार पर्व पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। 21 अगस्त को शाम 3 बजकर 45 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होगी, जो अगले दिन शाम 5 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। ऐसे में रविवार को पूरे 12 घंटे से भी अधिक समय तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। बहन भाई का तिलक लगाकर उसके दीर्घायु की कामना करती है। वहीं भाई बहन के सुख दुख में साथ निभाने का वादा कर उपहार देता है। आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि को मनाए जाने की वजह से कई जगह इस पर्व को पूर्णिमा राखी कहा जाता है।
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