राजाजी नेशनल पार्क की मोतीचूर रेंज में पर्यटकों को हुए बाघ के दीदार, खुशी का नहीं रहा ठिकाना
Rajaji National ParkT पर्यटकों को राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज में टाइगर के दीदार हुए हैं। इससे पर्यटक बेहद खुश नजर आए। बीते माह 15 नवंबर को राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज के गेट पर्यटकों के लिए खोले गए थे।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। हरिद्वार पहुंचे पर्यटकों को राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज में टाइगर के दीदार हुए हैं। इससे पर्यटक बेहद खुश नजर आए। बीते माह 15 नवंबर को राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज के गेट पर्यटकों के लिए खोले गए थे। तब से वयस्क नागरिक, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक जंगल सफारी को यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन कम ही होता है कि इस दौरान बाघ के दीदार हों, लेकिन जब पर्यटकों को बाघ के दीदार हुए तो वे बेहद उत्साहित हो उठे।
फ्लाईओवर बनने से दूर हुआ गेट
हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग के चौड़ीकरण के बाद मोतीचूर के पास फ्लाईओवर व हाथी अंडरपास बन गया है। अब सभी वाहन फ्लाईओवर से निकल जाते हैं, जिससे मोतीचूर का गेट पर्यटकों को नजरों से दूर हो गया है। वहीं अब मोतीचूर गेट तक पहुंचने के लिए कोई सुगम मार्ग भी नहीं है। पर्यटक किसी प्रकार गेट ढूंढते हुए यहां तक पहुंच पाते हैं।
नया गेट है समाधान
अगर फ्लाई ओवर समाप्त होते ही खांडगांव के समीप पुरानी सड़क पर पर्यटक गेट बनाया जाए और वहां पर सूचना पट लगाए जाएं तो इससे पर्यटकों को मोतीचूर के बारे में जानकारी हो सकेगी। हालांकि बीते अक्टूबर के सत्यनारायण मंदिर के पास नया गेट खोला था, लेकिन बाद में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के निर्देश पर इसे बंद कर दिया गया।
कैंटीन और शौचालय का अभाव
मोतीचूर पर्यटक जोन तो है, लेकिन यहां पर कैंटीन व शौचालय जैसी मूलभूत जरूरतों का अभाव है। पर्यटकों के लिए प्रतीक्षालय व फारेस्ट बंगले में भोजन की सुविधा भी नहीं है, जिसके चलते पर्यटक यहां आना पसंद नहीं कर रहे हैं।
दिख जाते हैं बाघ
वन्यजीवों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व में हर साल लाखों पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ लेने आते हैं। एशियाई हाथी यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। हाथियों के इस पसंदीदा आशियाने में अब बाघों का कुनबा भी तेजी से बढ़ रहा है। बीते वर्ष मोतीचूर में कार्बेट से दो बाघ शिफ्ट किए गए। यह बाघ अब सैलानियों को भी आसानी से दिख जाते हैं।
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