ऋषिकेश, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गंगा में संचालित होने वाली रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग सहित साहसिक पर्यटन की गतिविधियां 31 मार्च तक बंद कर दी गई हैं। राफ्टिंग व बंजी जंपिंग संचालकों ने सभी अग्रिम बुकिंग भी कैंसिल कर दी हैं।
तीर्थनगरी में कौड़ियाला से मुनिकीरेती तक का इको टूरिज्म जोन रिवर राफ्टिंग के लिए विश्व भर में पहचान रखता है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने गंगा में रिवर राफ्टिंग सहित गंगा में होने वाली सभी साहसिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
पिछले कुछ दिनों से रिवर राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आ गई थी। मगर, इसके बावजूद गंगा में राङ्क्षफ्टग जारी थी। अब इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। गंगा में वर्तमान में 263 राङ्क्षफ्टग कंपनियों की 560 से अधिक राफ्टें गंगा में उतरती हैं। प्रतिदिन औसतन तीन से चार सौ राफ्टों में ढाई हजार से अधिक पर्यटक राफ्टिंग का लुत्फ उठाते हैं। अब 31 मार्च तक के लिए राफ्टिंग गतिविधि बंद होने के बाद कंपनियों ने सभी एडवांस बुकिंग कैंसिल कर दी हैं।
उधर, भारत के सबसे ऊंचे बंजी जंपिंग प्वाइंट जंप इन हाइट में भी 31 मार्च तक सभी साहसिक गतिविधियां बंद कर दी हैं। यमकेश्वर के मोहन चट्टी क्षेत्र में जंप इन हाइट संस्था बंजी जंपिंग सहित जॉइंट स्विंग व फ्लाइंग फॉक्स की साहसिक गतिविधियां संचालित करती है।
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यहां 83 मीटर की ऊंचाई वाला भारत का सबसे ऊंचा बंजी जंपिंग व जाइंट स्वींग पॉइंट है। साथ ही एक किलोमीटर लंबा फ्लाइंग फॉक्स प्लेटफार्म है। यहां प्रतिदिन बंजी जंपिंग व अन्य गतिविधियों के लिए औसतन 60 से 80 पर्यटक पहुंचते हैं। जंप इन हाइट्स के प्रबंध निदेशक देवेंद्र गुसाईं ने बताया कि 31 मार्च तक की एडवांस बुकिंग कैंसिल कर दी गई हैं। सभी लोगों को उनकी फीस रिफंड की जा रही है।
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