क्वारंटाइन सेंटर को लेकर प्रशासन की तैयारी पर खड़े हो गए सवाल
एम्स में चार कोरोना संक्रमण के मामले आने के बाद क्वारंटाइन सेंटर को लेकर प्रशासन की तैयारी पर सवाल खड़े हो गए हैं। वर्तमान में मात्र ढाई सौ लोगों को रखने की व्यवस्था है।
ऋषिकेश, जेएनएन। एम्स में चार कोरोना संक्रमण के मामले आने के बाद क्वारंटाइन सेंटर को लेकर प्रशासन की तैयारी पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन के पास वर्तमान में मात्र ढाई सौ लोगों को रखने की व्यवस्था है। कोरोना पॉजिटिव लोगों के प्रथम और द्वितीय संपर्क वाले तमाम लोगों को क्वारंटाइन किया जाना जरूरी है। ऐसे में प्रशासन को अब कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने एक माह पूर्व यहां क्वारंटाइन सेंटर बनाने की कवायद शुरू कर दी थी। मगर, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले देखते हुए यह तैयारी नाकाफी साबित हुई है। तीन दिन के भीतर एम्स में चार पॉजिटिव मामले आने से इन तैयारियों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
शुरुआती दौर में जिला प्रशासन ने एक आश्रम और आवास विकास के समीप स्थित एक होटल को क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए चिह्नित किया था। बाद में इनका नाम सूची से हटा दिया गया। उसके बाद सीमा डेंटल कॉलेज, गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह भरत भूमि को चिन्हित किया गया। भरत भूमि अतिथि गृह में 41 लोग क्वारंटाइन कर रखे गए हैं। सीमा डेंटल कॉलेज में 231 कमरे हैं।
इसके अतिरिक्त प्रशासन ने मोदी योगा रिट्रीट को चिन्हित किया था। इनमें एम्स के चिकित्सकों को रखे जाने की योजना है। एम्स के भीतर जिस तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसी के साथ पॉजिटिव लोगों के संपर्क वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में क्वारंटाइन सेंटर की संख्या को बढ़ाई जानी जरूरी है। उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि वर्तमान में पर्याप्त व्यवस्था है।आगे की जरूरत को देखते हुए अन्य स्थानों को देखा जा रहा है।
एम्स न्यूरोलॉजी ब्लॉक भी क्वारंटाइन
एम्स ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष (अस्पताल प्रशासन) प्रो. यूबी मिश्र ने बताया कि न्यूरोलॉजी ब्लाक में जो महिला मरीज संक्रमित पाई गई। अभी तक उसके संपर्क में आए चिकित्सक, स्टाफ व अन्य करीब 80 लोगों के सैंपल लेकर इन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है।
जरनल सर्जरी वार्ड में तैनात 26 वर्षीय नर्स और यूरोलॉजी वार्ड में भर्ती एक मरीज की तीमारदार रुड़की की रहने वाली है। उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। आशंका जताई जा रही है कि इसी के जरिये कोरोना संक्रमण आगे बढ़ा। उन्होंने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मिली नर्स एम्स के समीप की कॉलोनी में एक रूममेट के साथ किराये पर रहती है।
नर्स और तीमारदार के प्रथम और द्वितीय संपर्क वाले तमाम लोगों की सूची बनाई जा रही है। अब तक करीब 70 लोगों का पता चला है, इन सबकी सैंपिलिंग की जा रही है। नर्स और तीमारदार दोनों की हिस्ट्री पता की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित मरीजों को कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।
राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 62.9 प्रतिशत
उत्तराखंड में हर अंतराल बाद सामने आ रहे कोरोना के नए मामले चिंता जरूर बढ़ा रहे हैं, लेकिन राहत की बात यह कि अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रदेश में स्वस्थ्य होने वाले मरीजों की संख्या बेहतर है। पिछले 45 दिन में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 34 मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।
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राज्य में मरीजों की ठीक होने की दर 62.9 प्रतिशत है। वहीं कोरोना से अभी तक राज्य में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। खास बात यह कि वायरस की संक्रमण दर भी 1.02 फीसद के करीब है। मरीजों के डबलिंग दर भी अन्य राज्यों की अपेक्षा ठीक है। उत्तराखंड में मरीजों के दोगुना होने की दर 38.58 दिन है।
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