Move to Jagran APP

कतर के कारोबारी का मुंबई से बुलाकर अपहरण, दस दिन जंजीरों से बांधकर रखा Dehradun News

हड़पे गए रुपये वापस पाने के लिए चार दोस्तों ने ऐसा षडयंत्र रचा कि रुपये तो मिले नहीं अलबत्ता सभी अपहरण के आरोप में जेल चले गए।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 01:23 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 01:23 PM (IST)
कतर के कारोबारी का मुंबई से बुलाकर अपहरण, दस दिन जंजीरों से बांधकर रखा Dehradun News
कतर के कारोबारी का मुंबई से बुलाकर अपहरण, दस दिन जंजीरों से बांधकर रखा Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर हड़पे गए रुपये वापस पाने के लिए चार दोस्तों ने ऐसा षडयंत्र रचा कि रुपये तो मिले नहीं, अलबत्ता सभी अपहरण के आरोप में जेल चले गए। प्लानिंग के तहत चारों दोस्तों ने अपने घर मुंबई आए कतर के कारोबारी को सहारनपुर में आम के बाग का ठेका दिलाने के नाम पर फ्लाइट से देहरादून बुलाया, फिर यहां एयरपोर्ट के बाहर से उसका अपहरण कर लिया। 

loksabha election banner

अपहरण करने के बाद उसे सहारनपुर में खुशहालपुर गांव के आम के बागीचे में दस दिन तक जंजीर से बांध कर रखा। फिरौती के एक लाख रुपये कारोबारी के परिवार ने दे दिए, लेकिन इसके बाद चारों का लालच बढ़ गया और मांग बढ़ा दी। 

इधर, परिजनों ने मुंबई पुलिस को खबर दे दी, जिस पर मुंबई पुलिस ने देहरादून पुलिस को पूरे प्रकरण की जानकारी दी। दून पुलिस ने कारोबारी को मुक्त कराते हुए चारों दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस जोन छह चैंबूर, मुंबई का पत्र प्राप्त हुआ। इसमें कहा गया था कि मो. मुजीब अहमद निवासी मोहम्मद मेहरअली बिल्डिंग रूम नंबर 2 नूर गुलजार, कुरैशीनगर, कुर्ला, पूर्व मुंबई तीस जून को हवाई जहाज से देहरादून गया था। देहरादून में उसका शोएब व उसके दोस्तों ने अपहरण कर लिया और उसे किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है। 

इसके साथ ही मुंबई पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की ओर से परिजनों को भेजे गए मुजीब के कुछ वीडियो और मोबाइल नंबर भी शेयर किए थे। इस पर मुंबई के चूनाभट्टी थाने में जीरो नंबर पर दर्ज एफआइआर की प्रति भी भेजी गई थी। चूंकि एयरपोर्ट डोईवाला थाना क्षेत्र में पड़ता है, लिहाजा वहां मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। 

मुजीब के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकालने और उसके मूवमेंट के रूट को ट्रेस किया गया। पता चला कि मुजीब को देहरादून से सहारनपुर की ओर ले जाया गया है। इस दौरान मुजीब का नंबर सक्रिय था। उस नंबर पर पुलिस ने मुजीब के परिजन बनकर बात की और कहा कि वह बाकी के रुपये लेकर आए हैं। 

अपहरणकर्ता पुलिस के झांसे में आ गए और बुधवार को खुशहालपुर गांव के आम के एक बाग से दबोच लिए गए। वहां बाग में मुजीब को चारपाई पर लिटाकर बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया था। उसे देखने से लग रहा था कि उसकी काफी पिटाई की गई है। 

एसएसपी ने बताया अपहरणकर्ताओं की पहचान शोएब पुत्र सलीम निवासी जलालाबाद थाना भवन, जिला शामली, दानिश अली पुत्र आबाद अली निवासी कस्बा व थाना बेहट जिला सहारनपुर, शाहबाज पुत्र साकिर निवासी वर्मा जी बिल्डिंग थाना व जिला, शामली व रईस पुत्र हारुन निवासी कस्बा व थाना बेहट सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। चारों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से सभी को जिला कारागार सुद्धोवाला भेज दिया गया है।

दोस्तों ने खुद कराया था कारोबारी का एयर टिकट

अपहरण की साजिश की पटकथा लिखने वाले शोएब, दानिश, शाहबाज करीब एक साल पहले मुजीब के बुलावे पर कतर में नौकरी कर चुके हैं। यहीं पर तीनों की मुजीब से दोस्ती हुई, मगर साल 2018 के अंत में तीनों सहारनपुर लौट आए। यहां आने के बाद इन तीनों ने और लोगों को विदेश भेजने के नाम पर रुपये ले लिए, मगर उन्हें ठीकठाक नौकरी नहीं मिली और वे कतर से वापस आए शोएब व उसके दोस्तों पर रकम वापस करने दबाव बनाने लगे। 

इसी से परेशान होकर शोएब व उसके दोस्तों ने मुजीब को सहारनपुर में आम के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के कारोबार का झांसा देकर खुद ही मुंबई से देहरादून तक का एयर टिकट उसके नाम से कराया। मुजीब जब यहां पहुंचा तो उसका अपहरण कर लिया। 

अपहरणकर्ताओं के पकड़े जाने के बाद पुलिस की तफ्तीश में जो कुछ सामने आया, उससे एक बात तो साफ हो गई कि मुजीब भी दूध का धुला नहीं है। मगर शोएब और उसके दोस्तों ने उससे रकम निकलवाने का जो शार्टकट तरीका अपनाया, वह उन्हें अपराधी बना गया। 

जांच में पता चला कि विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मुंबई के तमाम लोगों का एक वाट्सएप गु्रप है। इस ग्रुप में शोएब, दानिश, शाहबाज, रईस और मुजीब जुड़े हैं। इसी के जरिये शोएब, दानिश व शाहबाज मुजीब के बुलावे पर कतर गए थे और वहां मुजीब ने तीनों की नौकरी लगवा दी। मगर तीनों कुछ महीने काम करने के बाद सहारनपुर लौट आए, लेकिन मुजीब के संपर्क में बने रहे। 

इस बीच शोएब, दानिश व शाहबाज ने सहारनपुर के कुछ युवकों को कतर में नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये लिए और औपचारिकता पूरी कराने के बाद कतर भेज दिया। मगर जब वह कतर गए तो वहां मनमुताबिक नौकरी न मिलने के कारण सभी वापस लौट आए। वापस आकर वह सभी शोएब, दानिश व शाहबाज से रकम वापस मांगने लगे।

इस बीच मुजीब बीते मई महीने में कतर से मुंबई आ गया। शोएब जब उससे संपर्क करता तो वह कतर के नंबर से बात करता और झूठ बोलता कि वह अभी कतर में ही है। तब शोएब ने कतर में रहने वाले अपने दोस्तों से बात की, तब पता चला कि मुजीब तो कब का मुंबई जा चुका है। 

मुजीब के इस झूठ पर शोएब ने दानिश, शाहबाज और रईस के साथ उसे देहरादून बुलाकर यहीं पर उससे रकम वसूलने की योजना बनाई। चारों ने पैसे का इंतजाम कर मुजीब का मुंबई से देहरादून का हवाई जहाज का टिकट कराया। तीस जून को जब मुजीब देहरादून आया, तब यहां चारों ने उसका हिमालयन अस्पताल के पास से अपहरण कर लिया और कार में बैठाकर सहारनपुर में कुशालपुर गांव के बाग में लेकर बंधक बना लिया।

मुजीब की वीडियो बनाकर भेजी मुंबई

शोएब व उसके दोस्तों ने परिजनों पर रकम के लिए दबाव बनाने को जंजीर में बंधे लहूलुहान मुजीब का वीडियो बनाकर मुंबई भेजा था। साथ ही वाट्सएप से वीडियो कॉल भी कराई थी। मुजीब की जान जोखिम में देखकर परिजनों ने फिरौती के तीन लाख रुपये में एक लाख रुपये शोएब के बताए अकाउंट में जमा करा दिए। इस पर शोएब ने फिरौती की रकम सात से आठ लाख रुपये कर दी। मुजीब के परिजनों को लगा कि अगर अब पुलिस को नहीं बताया तो रुपये तो जाएंगे ही मुजीब को बचा पाना मुश्किल होगा। 

26 हजार रियाल डकारे शोएब ने

देहरादून पुलिस कार्यालय में बातचीत करते हुए मुजीब ने एक और खुलासा किया कि जब शोएब कतर से लौट रहा था तो वह उससे 26 हजार रियाल लेकर भारत आया था। उस पर शोएब के एक भी रुपये की देनदारी नहीं है। मगर यहां सवाल उठता है कि फिर किस बात के लिए मुजीब ने 26 हजार रियाल शोएब को दे दिए।

दिल्ली-आजमगढ़ में दर्ज है केस

शोएब ने पुलिस को बताया कि मुजीब पर ठगी करने के आरोप में दिल्ली और आजमगढ़ में केस दर्ज कराया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। एसएसपी ने बताया कि आरोपितों की कही बातों की जांच कराई जा रही है। देखा जा रहा है कि क्या वाकई में मुजीब के खिलाफ कबूतरबाजी के संबंध में कोई केस दर्ज है या नहीं।

हर पल सामने नाच रही थी मौत

मुजीब ने बताया कि शोएब और उसके दोस्त जब उसे बाग में लेकर गए और वहां जंजीरों में बांधकर पिटाई शुरू की और उनके इरादों के बारे में पता चला तो उसे लगा कि अब वह दोबारा परिवार से नहीं मिल पाएगा। जब भी चारों उसके सामने आते तो लगता कि अब उसकी जान गई, लेकिन वह खुशकिस्मत रहा कि आरोपितों में पूरे दस दिन तक मुजीब का मोबाइल ऑन रखा, जिससे मुंबई पुलिस की सूचना के छह घंटे के भीतर ही पुलिस अपहरणकर्ताओं तक पहुंच गई।

बाग मालिक फरार, तलाश में दबिश

मुजीब को कुशालपुर गांव के जिस बाग में रखा गया था उसके मालिक सोनू को भी पुलिस ने साजिश का आरोपित बनाया है, लेकिन बुधवार की सुबह जब पुलिस ने दबिश दी तो वह भागने में कामयाब रहा। डोईवाला इंस्पेक्टर राकेश गुसाईं ने बताया कि सोनू की तलाश में एक टीम अभी मूवमेंट में है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: डॉलर ठग गिरोह ने हरिद्वार में छोड़ी थी टैक्सी, जानिए पूरा मामला Dehradun News

यह भी पढ़ें: सोने के आभूषण चोरी में मैनेजर को पुलिस तलाशती रही दून में, आरोपित भागा नेपाल Dehradun News

यह भी पढ़ें: तिब्बती महिला का पर्स छीनकर भागा प्रेमी युगल, पुलिस ने किया गिरफ्तार Dehradun News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.