अब अस्पतालों में स्टाफ के अनुसार उपकरण
राज्य ब्यूरो, देहरादून स्वास्थ्य महकमे ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए नई भर्तियां करने के ब
राज्य ब्यूरो, देहरादून
स्वास्थ्य महकमे ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए नई भर्तियां करने के बाद अब अपनी नजर चिकित्सालयों में मिलने वाली सुविधाओं की ओर केंद्रित की है। इसके तहत प्रदेश के जिला चिकित्सालयों से लेकर प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में नए उपकरण उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसके लिए पहले यह देखा जा रहा है कि जिन अस्पतालों में उपकरण दिए जाएंगे वहां उसे चलाने के लिए पैरामेडिकल स्टाफ है या नहीं। इसके बाद ही इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया जाएगा।
प्रदेश में अभी तक चिकित्सालयों में सुविधा के नाम पर बड़ी संख्या में उपकरण की खरीद की जाती है। फिर ये उपकरण जिला चिकित्सालय से लेकर प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों तक भेजे दिए जाते हैं। जिन अस्पतालों में उपकरण चलाने के लिए दक्ष कर्मचारी होते हैं, वहां तो मरीजों को इनसे मदद मिल जाती है, लेकिन कई चिकित्सालयों में उपकरण ऐसे ही पड़े रहते हैं। बीते सालों में भी यह देखने में आया कि मरीजों के विभिन्न परीक्षण करने वाली मशीनें वर्षो से चिकित्सालयों में शोपीस ही बनी रही। इसके चलते विभाग की कार्यशैली पर खूब सवाल भी उठाए गए। अब स्वास्थ्य महकमा इस कार्यशैली को बदलने की तैयारी कर रहा है। अभी स्वास्थ्य महकमे ने प्रदेश के सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, सामुदायिक चिकित्सा केंद्र व जिला चिकित्सालों से एक सूची तलब की है। इसमें यह पूछा गया है कि किसके पास क्या उपकरण हैं और उन्हें किन उपकरणों की आवश्यकता है। इसके साथ ही उपकरण चलाने के लिए दक्ष स्टाफ के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। अधिकांश जिलों से यह जानकारी स्वास्थ्य मुख्यालय तक पहुंच चुकी है। इस जानकारी को एकत्र करने के बाद चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों की संख्या के हिसाब से प्राथमिकता के आधार पर उपकरणों की खरीद की जाएगी। जिन चिकित्सालयों में उपकरण चलाने के लिए दक्ष कर्मचारी नहीं हैं वहां कर्मचारियों की उपलब्धता के बाद ही उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
सचिव स्वास्थ्य नितेश झा का कहना है कि इंडियन पब्लिक हेल्थ सर्विस के मानकों के हिसाब से उपकरणों की खरीद की जाएगी। इसके लिए सभी चिकित्सालयों से सूची मंगाई गई है। उन्होंने कहा कि उपकरण चलाने के लिए पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता को भी ध्यान में रखा जाएगा। जरूरत के हिसाब से इन्हें भी अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।