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बारिश के साथ बढ़ी दूषित पानी की समस्या

मानसून की बारिश के साथ शहर में दूषित पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। कई कॉलोनियों में लोग दूषित पानी की आपूर्ति से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 07:29 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 07:29 PM (IST)
बारिश के साथ बढ़ी दूषित पानी की समस्या
बारिश के साथ बढ़ी दूषित पानी की समस्या

जागरण संवाददाता, देहरादून : मानसून की बारिश के साथ शहर में दूषित पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। कई कॉलोनियों में लोग दूषित पानी की आपूर्ति से परेशान हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि लगातार शिकायत के बाद भी इस परेशानी को लेकर जल संस्थान गंभीरता नहीं दिखा रहा है, जबकि जल संस्थान के अधिकारी शिकायतों के त्वरित निस्तारण का दावा कर रहे हैं।

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राजेश रावत कॉलोनी में पानी के साथ मिट्टी भी पहुंच रही है। इस कारण कई दिन से लोग पीने के पानी की वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं। इसी तरह बंजारावाला स्थित आजाद विहार के लोग भी दूषित पानी की शिकायत कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि दूषित पानी पीने से बच्चों और बुजुर्गो को पेट संबंधी बीमारिया अपनी चपेट में ले रही हैं। आरकेडिया, स्मिथनगर, कृष्णा विहार, राघव विहार आदि में भी गंदे पानी की समस्या है। वहीं, चंद्रबनी स्थित अमरभारती कॉलोनी में तो बीते एक सप्ताह से आपूíत ही ठप है। ऐसे में स्थानीय निवासियों को अपने खर्च पर पानी के टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं। चंद्रबनी चोइला क्षेत्र में भी पिछले कुछ दिनों से दूषित पानी की समस्या बनी हुई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि घरों में मिट्टी व दुर्गधयुक्त पानी आ रहा है। शिकायत के बावजूद जल संस्थान कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके अलावा ऋषि विहार और देवलोक कॉलोनी में भी शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है।

पुरानी लाइनें भी बनी सिरदर्द

शहर में अमृत योजना के तहत कई क्षेत्रों में नई पेयजल लाइनें डाली जा रही हैं, लेकिन सुस्त कार्य प्रणाली के चलते अब भी करीब डेढ़ दर्जन इलाकों में सालों पुरानी लाइनें ही आपूर्ति का जरिया हैं। इन जर्जर लाइनों से रोजाना हजारों लीटर पानी तो बर्बाद हो ही रहा है, लीकेज के दौरान गंदा पानी भी घरों में पहुंच रहा है। कई स्थानों पर सीवर और बारिश का पानी भी लाइन में प्रवेश कर जाता है। कई इलाकों से दूषित पानी की शिकायतें आ रही हैं। पेयजल लाइनों को दुरुस्त करने के लिए कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। जिन इलाकों से क्षतिग्रस्त लाइनों की शिकायत मिल रही है, वहा त्वरित कार्रवाई की जा रही है।

नीलिमा गर्ग, प्रबंध निदेशक, जल संस्थान


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