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उपनल कर्मियों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य सेवा

संवाद सूत्र चकराता पिछले कई दिनों से चल रही उपनल कर्मियों की हड़ताल के चलते जौनसार-बाव

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 07:42 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 07:42 PM (IST)
उपनल कर्मियों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य सेवा
उपनल कर्मियों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य सेवा

संवाद सूत्र, चकराता: पिछले कई दिनों से चल रही उपनल कर्मियों की हड़ताल के चलते जौनसार-बावर व पछवादून के पांच बड़े राजकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। कार्मिकों की कमी से जूझ रहे अस्पतालों में कोविड-19 और सामान्य रोग से पीड़ित मरीजों के उपचार का भारी दबाव है, ऐसे में अस्पताल प्रशासन जैसे-तैसे मरीजों का उपचार और ओपीडी का संचालन कर रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी आपातकाल में स्वास्थ्य सेवा के संचालन की है, जिससे निपटना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।

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स्थानीय जनता की स्वास्थ्य सेवा को पछवादून के उपजिला चिकित्सालय विकासनगर में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक समेत 13 राजकीय चिकित्सक तैनात है। इसके अलावा यहां फार्मेसिस्ट, स्टाफ नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ के तौर पर 23 उपनल कर्मियों की तैनाती की गई। उपजिला चिकित्सालय में संविदा पर तैनात 23 उपनल कर्मी बीते 22 फरवरी से हड़ताल पर हैं, जबकि अस्पताल में तैनात पांच चिकित्सकों की ड्यूटी हरिद्धार के महाकुंभ व कोविड-19 सेंटर में लगाई गई है, जिससे यहां प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक समेत कुल आठ चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसी तरह जौनसार-बावर के चार प्रमुख अस्पताल पीएचसी कालसी में चार उपनल कर्मी, सीएचसी साहिया में दो, सीएचसी चकराता में छह, पीएचसी क्वांसी में एक, पीएचसी मानथात में एक व सीमांत राजकीय अस्पताल त्यूणी में दो उपनल कर्मी समेत कुल 16 स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए। पछवादून व जौनसार-बावर के इन पांच प्रमुख अस्पतालों में तैनात कुल 39 उपनल कर्मियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं। इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में प्रतिदिन चार से पांच सौ की ओपीडी होती है। इसके अलावा सीएचसी चकराता में करीब सौ की ओपीडी, कालसी, त्यूणी और साहिया अस्पताल में प्रतिदिन करीब सौ से डेढ़ सौ के बीच की ओपीडी होती है। इसके अलावा यहां महीने में औसतन 10 से 15 प्रसव के केस आते हैं। इसी तरह उपजिला चिकित्सालय विकासनगर में प्रतिमाह औसतन 20 से 30 केस प्रसव व अन्य ऑपरेशन के आते हैं। उपनल कर्मियों की हड़ताल के चलते पछवादून व जौनसार-बावर के राजकीय अस्पतालों में एंबुलेंस व आपातकालीन सेवा भी प्रभावित है। चालकों की कमी से अस्पतालों में खड़ी एंबुलेंस के संचालन को विशेष परिस्थितियों में चालक तलाशने पड़ रहे हैं। इससे अस्पताल प्रशासन की मुसीबत बढ़ गई। कार्मिकों की कमी से जुझ रहे अस्पताल प्रशासन जैसे-तैसे काम चलाऊ व्यवस्था से स्वास्थ्य सेवा का संचालन कर रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी आपातकाल में दूर-दराज के मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल लाने ले जाने की है। मरीजों का भारी दबाव होने से अस्पताल प्रशासन व्यवस्था बनाने के प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य सेवा बेहाल होने से स्थानीय जनता ने सरकार से प्रभावित स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर संचालन की मांग की है। वहीं, उपजिला चिकित्सालय विकासनगर के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके शर्मा और सीएचसी चकराता के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केशर सिंह चौहान ने कहा कि उपनल कर्मियों की हड़ताल से प्रभावित स्वास्थ्य सेवा के संचालन को अस्पताल प्रशासन अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रहा है, जिससे मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके शर्मा ने कहा कि जनता की सुविधा को विभाग काम चलाऊ व्यवस्था से आपातकालीन सेवा का संचालन कर रहा है।


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