रुड़की: उत्तराखंड किसान मोर्चा की पंचायत में किसान नेताओं के निशाने पर ऊर्जा निगम के अधिकारी, जानिए क्या बोले
उत्तराखंड किसान मोर्चा की पंचायत में ऊर्जा निगम के अधिकारी किसान नेताओं के निशाने पर रहे। चेतावनी दी कि निगम ने किसानों का उत्पीड़न बंद नहीं किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। सरकार की ओर से गन्ना धान के भुगतान में देरी होने पर ब्याज न देने परनाराजगी जताई।
जागरण संवाददाता, रुड़की: उत्तराखंड किसान मोर्चा की पंचायत में ऊर्जा निगम के अधिकारी किसान नेताओं के निशाने पर रहे। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि निगम ने किसानों का उत्पीड़न बंद नहीं किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। इसके अलावा सरकार की ओर से गन्ना, धान के भुगतान में देरी होने पर ब्याज न देने पर भी नाराजगी जताई। गुरुवार को मगरूबपुर गांव में हुई पंचायत में उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि उत्तराखंड में सबसे अधिक किसानों का उत्पीड़न हो रहा है।
लगातार घटतोली हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसानों के गन्ने का भुगतान भी 14 दिन के अंतराल में नहीं हो पा रहा है। किसानों के बेचे गए धान का भी अभी तक भुगतान नहीं हो सका है। इसकी वजह से किसानों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि यदि निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अब किसानों का उत्पीड़न किया तो गांव में ही उन्हें बंधक बनाया जाएगा। मोर्चा इस संबंध में जल्द ही बड़ा निर्णय लेने जा रहा है। मोहम्मद आजम ने कहा कि आज किसान को एकजुट होने की जरूरत है। दिल्ली के अंदर किसानों की एकजुटता की वजह से ही तीन कृषि कानून वापस हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि सभी किसानों को संगठित होकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो प्रत्याशी किसानों के हितों की लड़ाई लड़ता रहा है, किसान भी उसी को सहयोग करेंगे। ऐसे प्रयास सामूहिक रूप से किए जाने चाहिए। पंचायत में शहीद अहमद, शकील अहमद, जफर, रहमान, अदनान, सरदार जसबीर ¨सह, मकर्रम, आकिल, दीपक पुंडीर, जितेन्द्र मुखिया, सेवाराम आदि मौजूद रहे।
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