बागेश्वर के कांडा में ड्यूटी के दौरान चिकित्सक से अभद्रता का विरोध
पीएमएचएस ने बागेश्वर के कांडा में ड्यूटी के दौरान चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा व महासचिव डा. रमेश कुंवर ने कहा कि चिकित्सक के साथ हुई इस घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने बागेश्वर के कांडा में ड्यूटी के दौरान चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा व महासचिव डा. रमेश कुंवर ने कहा कि चिकित्सक के साथ हुई इस घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है। कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने वाले हैं। इसलिए कुछ नेता व जनप्रतिनिधि जानबूझकर सस्ती लोकप्रियता के लिए चिकित्सालयों को राजनीति का अखाड़ा बना रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तथाकथित नेता अस्पतालों में चिकित्सकों के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता करते हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। संघ से जुड़े चिकित्सक राज्यव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे। संघ ने बागेश्वर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आग्रह किया है कि संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई न की जाए। बल्कि चिकित्सक के साथ अभद्रता करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाए। कहा कि प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ व सभी चिकित्सक पीडि़त चिकित्सक के साथ खड़े हैं।
उधर, संघ ने सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा को भी पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया कि चिकित्सकों की एसीआर को लेकर जिम्मेदारी तय की जाए। संबंधित पटल सहायक से लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी तक जिस स्तर पर भी लापरवाही की गई है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। साथ ही एसडीएसीपी की लंबित प्रक्रिया को शुरू किए जाने पर उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक का आभार जताया है।
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राज्य आंदोलनकारी क्रांति बैठे उपवास पर
कैबिनेट में क्षैतिज आरक्षण बहाली व नई नियमावली को मंजूरी न मिलने से नाराज राज्य आंदोलनकारी क्रांति कुकरेती ने सरकार के खिलाफ उपवास शुरू कर दिया है। सोमवार को राज्य आंदोलनकारी कुकरेती कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24 दिसंबर को हुई कैबिनेट में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल किए जाने और नई नियमावली को मंजूरी देने की बात कही थी, लेकिन कैबिनेट में इस प्रस्ताव को पास नहीं किया गया। कहा कि मांग पूरी न होने तक वह उपवास पर बैठे रहेंगे। इस अवसर पर गणेश शाह, सूर्यकांत बमराड़ा, सुरेश कुमार, सुनील भंडारी, रामपाल, विपुल नौटियाल, गणेश डंगवाल, मुन्नी खंडूड़ी आदि मौजूद रहे।