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कैंट बोर्ड की नई मतदाता सूची बनाने और प्रकाशन पर रोक

छावनी परिषद देहरादून व क्लेमेनटाउन समेत देश के सभी कैंट बोर्ड की नई मतदाता सूची बनाने व उसका प्रकाशन करने पर रक्षा संपदा महानिदेशालय ने फिलहाल रोक लगा दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 09:25 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 12:36 PM (IST)
कैंट बोर्ड की नई मतदाता सूची बनाने और प्रकाशन पर रोक
कैंट बोर्ड की नई मतदाता सूची बनाने और प्रकाशन पर रोक

देहरादून, जेएनएन। छावनी परिषद देहरादून व क्लेमेनटाउन समेत देश के सभी कैंट बोर्ड की नई मतदाता सूची बनाने व उसका प्रकाशन करने पर रक्षा संपदा महानिदेशालय ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह निर्णय कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया है। इस स्थिति में कैंट बोर्ड का चुनाव एक बार फिर टलना तय है। फिलहाल चुनाव कराने जैसी स्थिति नजर भी नहीं आ रही है। यदि चुनाव टला तो छावनी परिषद का कार्यकाल छह माह और बढ़ जाएगा।

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मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल फरवरी में समाप्त हो गया था। जिसके बाद बोर्ड को छह माह का एक्सटेंशन दिया गया। यह अवधि भी अगस्त में खत्म हो रही है। पर रक्षा मंत्रलय छावनी अधिनियम 2006 में संशोधन के बाद चुनाव कराने के पक्ष में है और कोरोना के कारण भी अभी स्थिति अनुकूल नहीं दिख रही है। ऐसे में चुनाव के दूर-दूर तक आसार नहीं हैं। इस स्थिति में मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल फिर बढ़ जाएगा।

इन्हीं तमाम मुद्दों पर अखिल भारतीय छावनी परिषद के निर्वाचित सदन के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र सिंह कंडारी ने भी पिछले सप्ताह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा सचिव व महानिदेशक रक्षा संपदा से मुलाकात की थी। कहा था कि कोरोनाकाल में कैंट बोर्डो में कार्मिक घर-घर जाकर जो मतदाता सूची तैयार कर रहे हैं उससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। 

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मतदाता सूची में कई तरह के संशोधन करने के सुझाव भी उन्होंने दिए थे। उन्होंने कहा कि वोटर सूची में मतदाता का नवीनतम फोटो होने के साथ ही मतदाता को आधार कार्ड से जोड़ा जाना चाहिए। ताकि किसी भी तरह के फर्जी मतदान से बचा जा सके। सैनिक मतदाताओं को वोटिंग के समय अपना पहचान पत्र साथ रखने व कॉलेज के छात्र-छात्रओं को अपना आइकार्ड साथ रखने की अनिवार्यता करने का सुझाव भी दिया गया था। कैंट बोर्ड में भी चुनाव मतपत्र के बजाय ईवीएम से कराए जाने की मांग भी उन्होंने की है। बहरहाल रक्षा संपदा महानिदेशालय ने सभी 62 छावनी परिषदों में मतदाता सूची तैयार करने और प्रकाशन करने पर रोक लगा दी है।

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